China ने ब्रह्मपुत्र नदी पर बांध के लिये दी मंजूरी, अरूणाचल सीमा के पास बनेगा चीनी प्रोजेक्ट

एजेंसिया/न्यूज डेस्क (गौरांग यदुवंशी): नई दिल्ली के लिए चीन (China) जल्द ही चिंता बढ़ाने वाला काम करने जा रहा है। चीनी संसद ने बीते गुरुवार को 14 वीं पंचवर्षीय योजना को लागू किया। जिसमें कई अरबों डॉलर के इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट (Infrastructure project) खासतौर से शामिल है। इसी के तहत अरुणाचल प्रदेश की सीमा के करीब तिब्बत में ब्रह्मपुत्र नदी पर विवादास्पद जल विद्युत परियोजना भी शुरू की जायेगी।

इस योजना को चीन की नेशनल पीपुल्स कांग्रेस (एनपीसी) ने राष्ट्रीय आर्थिक और सामाजिक विकास के लिए लागू किया। दीर्घकालीन लक्ष्यों को हासिल करने के लिए इन परियोजनाओं की समय सीमा 2035 तय की गयी है। पिछले साल चीनी सरकार के मुखपत्र ग्लोबल टाइम्स ने बताया था कि, बांध का निर्माण जल संसाधनों और घरेलू सुरक्षा के मद्देनज़र किया जा रहा है।  

इस परियोजना ने दक्षिण एशियाई देशों में खासतौर से भारत और बांग्लादेश के लिए चिंतायें बढ़ा दी हैं। नई दिल्ली ने बीजिंग से कहा है कि क्षेत्रों में दूसरे देशों के हितों को सुनिश्चित करने के लिए सीमा पार नदियों का मनमाना इस्तेमाल कर उनके कुदरती बहाव (Natural flow) को नुकसान ना पहुँचाया जाये। भारत की बात हल्के में लेते हुए ऊपरी मन से चीन ने कहा कि वो दक्षिण एशियाई देशों द्वारा मसले और शंकाओं पर ध्यान देगा।

बीती फरवरी महीने के दौरान भारत सरकार ने कहा था कि, वो ब्रह्मपुत्र नदी के निचले छोरों पर जल विद्युत विकास परियोजना सहित चीन की दूसरी परियोजनाओं पर गहरी नज़र बनाये हुए है। लोकसभा में इस मुद्दे पर विदेश मंत्रालय के राज्यमंत्री वी.मुरलीधरन ने कहा कि, केन्द्र सरकार ने लगातार चीनी अधिकारियों को अपनी बात और आंशकाओं से अवगत करवाया है। साथ ही उनसे गुज़ारिश की गयी है कि, वे सुनिश्चित करें कि डाउनस्ट्रीम देशों के हितों को किसी तरह का नुकसान न पहुंचे। गौरतलब है कि ब्रह्मपुत्र पर 60 GW तक की जल विद्युत क्षमता वाला ढ़ांचा चीन खड़ा कर सकता है।

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