एजेंसियां/न्यूज डेस्क (समरजीत अधिकारी): ताइवान के मुताबिक दो चीनी सैन्य विमानों ने रविवार (23 मई 2021) को उसके वायु रक्षा पहचान क्षेत्र (ADIZ) में घुसपैठ की। जो इस महीने इस तरह की 15वीं घुसपैठ है। जिसके बाद से ही इलाके में हड़कंप और तनाव (China Taiwan Crisis) बना हुआ है। इस घुसपैठ के पीछे ताइवान जलडमरूमध्य में तनाव को अहम वज़ह माना जा रहा है। ताइवान के रक्षा मंत्रालय के मुताबिक पीपुल्स लिबरेशन आर्मी एयर फ़ोर्स (PLAAF) के शानक्सी Y-8 इलेक्ट्रॉनिक युद्धक विमान और शानक्सी Y-8 पनडुब्बी रोधी युद्धक विमान ने ADIZ के दक्षिण-पश्चिम कोने में उड़ान भरी।
जिसके जवाब में ताइवान ने विमान भेजे और रेडियो चेतावनी (Radio warning) प्रसारित की। दोनों विमानों को ट्रैक करने के लिए वायु रक्षा मिसाइल प्रणाली तैनात कर दिया गया। 180 किलोमीटर चौड़े जलमार्ग पर बढ़ते तनाव के बीच संयुक्त राज्य अमेरिका और दक्षिण कोरिया द्वारा ताइवान जलडमरूमध्य मुद्दे पर सहयोग करने के लिए सहमत होने के बाद ये नई घुसपैठ की कवायद सामने आयी। ताइवान न्यूज ने बताया कि अमेरिकी राष्ट्रपति जो बिडेन और दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति मून जे-इन ने शुक्रवार को द्विपक्षीय शिखर सम्मेलन किया।
शिखर सम्मेलन के बाद हुई प्रेस कॉन्फ्रेंस बिडेन ने संयुक्त बयान में कहा कि दोनों देशों ने क्षेत्रीय स्थिरता के लिए अहम मुद्दों पर बात की। इन मुद्दों में खासतौर से शामिल है दक्षिण चीन सागर में नेविगेशन की स्वतंत्रता बनाए रखना और ताइवान स्ट्रेट में शांति और स्थिरता को कायम रखना। ताइवान के बारे में मून ने कहा कि, “हमने इस विचार को साझा किया है कि ताइवान जलडमरूमध्य (Taiwan Strait) में शांति और स्थिरता अत्यंत महत्वपूर्ण है, और हम चीन और ताइवान के बीच संबंधों पर खास विचार करते हुए इस मसले पर एक साथ काम करने के लिए सहमत हुए।
ताइपे के वायु रक्षा पहचान क्षेत्र में लगभग रोजाना की घुसपैठ के साथ, चीन की ओर से ताइवान के खिलाफ राजनीतिक दबाव और सैन्य खतरों के बढ़ाने के बाद जलडमरूमध्य पर खास ध्यान केंद्रित किया गया है। ताइवान जलडमरूमध्य 180 किलोमीटर चौड़ा जलडमरूमध्य है। जो ताइवान और महाद्वीपीय एशिया के द्वीपों को अलग करता है। ये जलडमरूमध्य दुनिया में ऐसा जलीय इलाका है, जहां बड़ी तादाद में पुलिसिंग होती है। यहां चीन और ताइवान की ओर से नौसेना और तटरक्षक के ज़हाज लगातार गश्त करते है।
जलडमरूमध्य अंतरराष्ट्रीय जल सीमा में है। हालांकि चीन ताइवान को अपने संप्रभु इलाके के तौर पर दावा करता है। इस क्षेत्र में अमेरिकी नौसेना की मौजूदगी को ताइवान की लोकतांत्रिक सरकार के समर्थन के रूप में देखा जाता है। साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट की रिपोर्ट के मुताबिक बुधवार को बीजिंग समर्थित एक थिंक-टैंक- चाइना क्रॉस-स्ट्रेट एकेडमी ने ताइवान जलडमरूमध्य से जुड़ी एक रिपोर्ट पेश की। जिसमें दावा किया गया कि जलडमरूमध्य ताइवान को चीन की मुख्य भूमि से अलग करता है। थिंक टैंक ने कहा कि इस क्षेत्र में तनाव बढ़ने के कारण सशस्त्र संघर्ष का जोखिम अब तक के चरम पर पहुँच चुका है।