एजेंसियां/न्यूज डेस्क (समरजीत अधिकारी): चीन ने कहा कि यूनाइटेड किंगडम (UK) और उसके कुछ राजनेताओं को ताइवान के सवाल पर चीन विरोधी बयान देने या चीन के आंतरिक मामलों में दखल देने से बचना चाहिये। हाल ही में बीते 3 मार्च को ब्रिटेन के हाउस ऑफ लॉर्ड्स (House of Lords) की ग्रैंड कमेटी ने बहस के बाद “ताइवान में लोकतंत्र के समर्थन के लिये” तकरीरें दे। जिसके दौरान कुछ सदस्यों ने ताइवान “सुदूर पूर्व का यूक्रेन” कहा। साथ ही यूके सरकार से ताइवान के लिये समर्थन” और “संरक्षण” वकालत की।
यूनाइटेड किंगडम में चीनी दूतावास (Chinese Embassy) के प्रवक्ता ने बीते शनिवार (5 मार्च 2021) को इस कदम का कड़ा विरोध करते हुए निंदा की। चीनी दूतावास ने कहा कि “ताइवान सवाल पर आग से खेलना बंद करो। ताइवान का सवाल और यूक्रेन मुद्दे के बीच इस तरह की तुलना कर मजबूत समर्थन की वकालत करना लंदन के लिये भारी साबित हो सकता है। ब्रिटेन के कुछ राजनेताओं को इतिहास और मौजूदा हालातों की कोई जानकारी नहीं है। वो अभिमान और भयावह इरादे चलते चीन की एकता को कम करके आंक रहे है।
चीनी राजदूत ने आगे कहा कि- दुनिया जानती है कि ताइवान (Taiwan) चीन का अभिन्न हिस्सा है। हम अंतरराष्ट्रीय समुदाय सिद्धांत का सम्मान करते है, जो कि बड़े पैमाने पर अंतरराष्ट्रीय संबंधों को नियंत्रित करने वाला मान्यता प्राप्त मानदंड है। ऐसे में हम इसकी उम्मीद लंदन से भी करते है। किसी को भी चीन की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता की हिफाज़त में चीनियों की दृढ़ संकल्पता और क्षमता को कम करके आंकने का हक़ नहीं है।
ब्रिटेन (Britain) को सलाह देते हुए चीनी राजदूत ने कहा कि- हम यूके से एक-चीन सिद्धांत का पालन करने की भी गुज़ारिश करते हैं। ताइवान की आज़ादी के लिये जूझ रहे अलगाववादी ताकतों को गलत संदेश भेजने से बचें और ताइवान से जुड़े मुद्दों विवेकपूर्ण और सही तरीके से बयानबाज़ी करें।
बता दे कि साल 1949 से ताइवान चीन की मुख्य भूमि से स्वतंत्र रूप से शासित है। लेकिन साम्यवादी चीनी सरकार ताइवान को अपने प्रांत के रूप में देखती है, जबकि ताइवान लोकतांत्रिक रूप से निर्वाचित सरकार द्वारा संचालित होने वाला देश है। कई मौकों पर और कई मंचों से ताइवान कहता रहा है कि वो स्वायत्त देश है लेकिन चीन उसे स्वतंत्रत राष्ट्र की घोषणा करने से रोकता रहा है।