न्यूज़ डेस्क (विश्वरूप प्रियदर्शी): दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (CM Kejriwal) जल्द ही एक बड़ी परियोजना की शुरूआत करने जा रहे है। जिसका फायदा सभी राजधानीवासियों को मिलेगा। दिल्ली में कई जगह जैसे रंगपुरी पहाड़ी, देवली गांव, तुगलकाबाद, ओखला और घिटोरनी में पीने के पानी की समस्या (Drinking water problem) लंबे समय से बड़ा मुद्दा रहा है। साथ ही बहुत से इलाकों में पानी की आपूर्ति बेहद सीमित रहती है जिसके कारण लोगों को समस्याओं का सामना करना पड़ता है। इसे देखते हुए अब दिल्ली सरकार राजधानी में 24 घंटे 7 दिन के तर्ज पर पानी सप्लाई करने का रोडमैप बना रही है। पहला कदम उठाते हुए दिल्ली सरकार फिलहाल इसके लिए एक अनुभवी सलाहकार खोज रही है, जो कि सरकार के इस प्रयास का पूरा करने में तकनीकी सलाह देगा।
दिल्ली जलबोर्ड की कर्मचारी यूनियन (Employees Union of Delhi Jal board) केजरीवाल सरकार की इस कवायद को निजीकरण से जोड़कर देख रही है। इसका खंडन करते हुए सीएम केजरीवाल ने कहा कि- हाल ही में हमने दिल्ली जल बोर्ड के अधिकारियों के साथ फैसला लिया कि राजधानीवासियों को 24X7 पेय जल की आपूर्ति सुनिश्चित हो। जिसके लिए जल्द ही सलाहकार नियुक्त किया जायेगा। दिल्ली सरकार ने इस मुकाम को हासिल करने के लिए पाँच साल का वक़्त तय किया है। कुछ विपक्षी नेता दिल्ली सरकार पर पानी की आपूर्ति का निजीकरण (Privatization of water supply in Delhi) करने का आरोप लगा रहे है। मैं इस बात को लेकर आपको पूरा भरोसा दिलाना चाहता हूँ कि दिल्ली सरकार की ऐसी कोई मंशा नहीं है।
प्रेस कॉन्फ्रेंस में इस मुद्दे को लेकर पड़ोसी राज्यों की भूमिका पर उन्होनें कहा- पेय जल की आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए दिल्ली सरकार उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश की सरकारों से लगातार सम्पर्क में बनी हुई है। उससे पहले हमें दिल्ली में उपलब्ध पेयजल का बेहतर मैनेजमेंट करने की जरूरत है।
गौरतलब है कि आम आदमी पार्टी का दिल्ली के सिंहासन पर जमे रहना का आधार पानी, बिजली जैसे आम मुद्दे है। केजरीवाल और उनके मंत्री लगातार इन्हीं प्रयासों में लगे रहते है कि कैसे दिल्ली के आम आदमी की रोजमर्रा की ज़िन्दगी से जुड़े मसले हल किये जाये। केजरीवाल ने इसी अचूक पॉलिटिकल फॉम्यूले (Sure political formula) का इस्तेमाल करते हुए विधानसभा चुनावों में भाजपा का धूल चटाई थी। अगर केजरीवाल की ये परियोजना कामयाब हो गयी तो दिल्ली के आम आदमी का वोटबैंक एक बार फिर से उनकी ओर मुड़ सकता है।