Afghanistan Crisis: आखिरकर दो दशकों बाद अफगानिस्तान से हुई अमेरिकी सुरक्षा बलों की पूरी वापसी

एजेंसियां/न्यूज डेस्क (शौर्य यादव): संयुक्त राज्य अमेरिका ने बीते सोमवार को अफगानिस्तान (Afghanistan) से अपने सैनिकों की वापसी की प्रक्रिया को पूरा कर लिया। इस तरह वाशिंगटन ने 20 साल की लड़ाई को खत्म कर दिया, जो सत्ता में बैठे तालिबान के साथ शुरू और समाप्त भी। तालिबानी चुंगल में सत्ता आने के बाद नाटो और अमेरिकी सहयोगियों ने पिछले दो हफ्तों के दौरान लोगों को युद्धग्रस्त मुल्क अफगानिस्तान से निकालने का काम किया।

हालांकि अमेरिकी सैनिकों ने हजारों अफगान नागरिकों को पीछे छोड़ दिया, जिन्होंने पश्चिमी देशों की मदद की और वो अफगानिस्तान से निकलने की पूरी तरह योग्य थे। अल जज़ीरा के मुताबिक अमेरिकी सैनिकों की वापसी के पूरा होने के बाद मंगलवार तड़के काबुल में तालिबान ने जमकर गोलियां चलाकर ज़श्न मनाया। तालिबान (Taliban) के प्रवक्ता कारी यूसुफ ने कहा, “आखिरी अमेरिकी सैनिक काबुल हवाई अड्डे से निकल गया है और हमारे मुल्क को पूरी आज़ादी मिली है।”

अमेरिकी सैनिकों की वापसी (Withdrawal Of American Troops) की तयशुदा समय सीमा 31 अगस्त से पहले ही हो गयी। बीते दो हफ़्तों के दौरान पूरी दुनिया ने काबुल हवाई अड्डे पर अफगानियों की अफगानिस्तान से निकलने की छटपटाहट देखी। वहां से कई ऐसी तस्वीरें सामने आयी जिसमें इंसानियत को झकझोर कर रख दिया। इसी क्रम पिछले सप्ताह गुरुवार को आत्मघाती हमले में कई अफगान और 13 अमेरिकी सैनिक मारे गये थे।

काबुल में मंगलवार की शुरुआत से ठीक पहले अमेरिकी जनरल केनेथ मैकेंजी (General Kenneth McKenzie) ने बीते सोमवार (30 अगस्त 2021) को वाशिंगटन में संवाददाताओं से कहा कि, अमेरिकी सुरक्षा बलों की आखिरी टुकड़ी को लेकर अंतिम उड़ान 1929 GMT सोमवार को रवाना हुई। लोगों को तालिबान के हाथों से सुरक्षित निकालने की खतरनाक कवायद को अंजाम देने के लिए राष्ट्रपति जो बिडेन ने अमेरिकी सेना को धन्यवाद देते हुए कहा कि "अब अफगानिस्तान में हमारी 20 साल की सैन्य मौजूदगी खत्म हो गयी है।"

अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन (US Secretary of State Antony Blinken) के मुताबिक अमेरिकियों की एक और टुकड़ी, 200 से कम और संभवतः 100 के आसपास अफगानिस्तान छोड़ना चाहती थी, लेकिन अंतिम उड़ानों में वो वहां से निकलने में नाकाम रहे। इस बीच हाल ही में बिडेन ने 31 अगस्त की समय सीमा पर टिके रहने के अपने फैसले का बचाव करते हुए कहा कि इसका मतलब ये नहीं है कि हर कोई जो बाहर निकलना चाहता है वो बाहर निकल सकता है। दुनिया, तालिबान के कारण अफगानिस्तान छोड़ने के इच्छुक लोगों के लिये सुरक्षित मार्ग की मंजूरी देने की अपनी प्रतिबद्धता पर कायम रहेगी।

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