पहले समय (Time) का जन्म: एक सिंगुलैरिटी के अंदर हुए विस्फोट (Big Bang) से यूनिवर्स का निर्माण तथा समय का जन्म स्टार्ट माना गया । अगर यूनिवर्स एक स्थायी-परमानैंट-स्थिर स्ट्रक्चर हो तो यूनिवर्स की फ़िल्म को रिवर्स चलाकर सिंगुलैरिटी से बचते हुए भी समय मे पीछे जाना संभव था जिससे ना सिर्फ समय के स्टार्ट (जन्म) और बिग बैंग दोनों पर सवाल उठाना संभव था बल्कि शुरुआत मे आइंस्टीन ने ओर बाद मे फ्रेड होएल भी कुछ समय के लिए यूनिवर्स को स्थिर माना था। मगर अमेरिकन खगोलविद एडविन हबल (American astronomer Edwin Hubble) की खगोलीय खोज “रेड शिफ्ट” ने गैलेक्सियों के एक दूसरे से लगातार दूर होते रहने (drifting apart) को स्थापित करके यूनिवर्स के स्थायी होने पर तगड़ी चोट की ओर बिग बैंग से निकली गैलेक्सयों के गतिमान होने को सपोर्ट किया।
फिर पर्दे पर उभरी सबसे असरदार स्टीफन हॉकिंग और पेनरोज की जोड़ी। जिसने 20 वीं शताब्दी (1965-1970) में भौतिकी की सबसे कामयाब सहयोग (collboration) में कई बड़ी पॉवरफुल “singularity theorems” दी. जिसमे सबसे खास थ्योरम थी कि यूनिवर्स को अगर रिवर्स साइड मे टाइम ट्रेवल करे तो बिग बैंग की सिंगुलैरिटी से बचना असंभव है, मतलब बिग बैंग हुआ था और उसी के साथ समय का जन्म भी हुआ था(कोई 13.84 बिलियन साल पहले)।
उसी बिग बैंग के विस्फोट से फैले मलबे से हमारा सूरज ओर धरती जैसे ग्रह क्रमशः 4.6 अरब साल व 4.5 अरब साल पहले बने थे। आज विज्ञान निसंदेह ये साबित कर चुका है कि सूरज के अंदर हाइड्रोजन जलने से ऊर्जा उत्पन्न होती है तथा सूरज अपनी करीब 10 अरब साल की उम्र के आधे रास्ते आ चुका है। ईंधन खत्म होने पर ये एक व्हाइट ड्वार्फ बन जायेगा पर उससे बहुत पहले उसका साइज बढ़ेगा और उससे जो गर्मी पैदा होगी वो धरती से पानी, हवा, जीवन, मंदिर मस्जिद, धर्म के सब निशान मिटा चुकी होगी। मगर सूरज की मौत के बाद भी समय जारी रहेगा जो धीरे धीरे अंतिम सितारे की मौत से होते हुए वापस एक लास्ट सुपर ब्लैक होल के वाष्पीकृत (evaporate) होने तक जाएगा। हम समय में Exponentially यात्रा कर रहे है जिसकी गति हरेक 5 सेकंड मे डबल हो जाती है। लास्ट ब्लैक होल के वाष्पीकृत होने के साथ ही #समयकीमौत भी निश्चित है। किसी भी तरह का एक भी अणु, परमाणु नही बचेगा यहां तक कि प्रोटोन भी टूट कर बिखर जाएंगे।
मैं अगर बिग बैंग के स्टार्ट से लास्ट ब्लैक होल के वाष्पीकृत होने तक के सफर की बात करूं तो धरती पर किसी भी तरह का जीवन सिर्फ 0.000000000000000000000000000000000000000000000000000000000000000000000000000000000001% हिस्से मे रहेगा मतलब One thousandths of a Billion Billion Billion Billion Billion Billion Billion Billion Billionth of a percent.
तो धर्म के अनंत काल (सनातन) से होने और अनंतकाल (सनातन) तक रहने वाली धारणाओं का क्या होगा। क्या होगा मात्र 1400 सालों पहले पाये ज्ञान से जन्नत-दोजख की हवा हवाई बातों का?
जिन सूरज निगलने वाले देवताओं, चांद के टुकड़े करने वाले अल्लाह के मेसेंजरो ने 7 आसमानों, स्वर्ग-नर्क के किस्से सुनाकर जो कहानियां गढ़ी है उन जन्नत-स्वर्ग-हेवन की खाक तक ना बचेगी। चांद सितारों की भी मौत तय है। पर उससे पहले विज्ञान बहुत जल्दी इन धर्मों की हवाई कहानियों को खत्म कर देगा, जैसे यूरोप में खत्म हो चुकी हैं। जब तक विज्ञान इन्हें खत्म करे तब तक आप मोदी, राहुल, मंदिर, मस्जिद करते रहिये।
साभार- महक सिंह तरार