न्यूज़ डेस्क (शौर्य यादव): तेजी से पांव पसार रहे इंफेक्शन के हालातों के बीच, आज कांग्रेस ने Video Conferencing कर केन्द्र सरकार पर निशाना साधा। कांग्रेस की ओर से पूर्व वित्तमंत्री ने पी.चिदम्बरम (Former Finance Minister P. Chidambaram) ने मोदी सरकार को कई मुद्दों पर घेरा। प्रवासी मजदूर, इंफेक्शन के बेकाबू होते हालात, आत्मनिर्भर भारत राहत पैकेज (Atamnirbhar Bharat Relief Package) और गैर भाजपा शासित राज्यों से भेदभाव करने के मुद्दे पर तीखा हमला बोलते हुए, सरकार को कारगर कदम उठाने के सुझाव दिये। मौजूदा हालातों के मद्देनज़र पी.चिदम्बरम के संबोधन को कांग्रेस का आधिकारिक पक्ष माना जा रहा है।
प्रेस वार्ता की मुख्य बातें:
- ज्यादातर विश्लेषकों, रेटिंग एजेंसियों और बैंकों ने राजस्व प्रोत्साहन का आकार 0.8 प्रतिशत से 1.5 प्रतिशत के बीच रखा है। इस पैकेज को अपर्याप्त माना जाना चाहिए और सरकार को संशोधित और व्यापक पैकेज के साथ सामने आना चाहिए।
- सरकार आर्थिक पैकेज के माध्यम से जो अतिरिक्त खर्च कर रही है, वो भारत के सकल घरेलू उत्पाद का एक फीसदी से भी कम है। सरकार हाशिये पर जी रहे 13 करोड़ परिवारों की अनदेखी कर रही है। असंगठित क्षेत्रों के मजदूरों और गरीबों को केन्द्र सरकार ने सिरे से नकार दिया है।
- पीएम मोदी ने दावा किया था कि, 20 लाख करोड़ रुपये का राहत पैकेज आएगा, लेकिन आर्थिक पैकेज को जिस तरह से पांच हिस्सों में बांटकर जनता के बीच जानकारी साझा की। उससे ये साफ हो गया कि ये एक जुमला था।
- आर्थिक बजट की शेष राशि बजट का हिस्सा है और कई घोषणाएं तो महज़ कर्ज देने की व्यवस्था का हिस्सा है। सरकार के आर्थिक पैकेज से 13 करोड़ कमजोर परिवार, किसान, मजदूर और बेरोजगार हो चुके हैं। सरकार आर्थिक पैकेज पर एक बार फिर से विचार करे, समग्र वित्तीय प्रोत्साहन पैकेज की घोषणा करे जो जीडीपी का 10 फीसदी हो। ये 10 लाख करोड़ रुपये का वित्तीय प्रोत्साहन पैकेज होना चाहिए।
ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी (All India Congress Committee) की ओर से पहले भी राष्ट्रीय प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला (National spokesperson Randeep Surjewala) और राहुल गांधी Video Conferencing के माध्यम से Press briefing कर केन्द्र सरकार को घेर चुके है। फिलहाल वक़्त की मांग है कि सभी राजनैतिक पार्टियां आपसी मतभेद (Mutual differences) भुलाकर मजबूती के साथ हालातों से लड़े। कहीं ऐसा न हो कि, राजनैतिक आरोप-प्रत्यारोप के बीच वायरस इंफेक्शन के खिल़ाफ छिड़ी जंग कमजोर पड़ जाये।