नई दिल्ली (शाश्वत अहीर): कांग्रेस (Congress) ने आज (15 सितम्बर 2022) दावा किया कि AAP सरकार अपनी बिजली सब्सिडी योजना को वापस लेने का प्रयास कर रही है, जिसने साल 2015 में अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) को दिल्ली की सत्ता में लाने में अहम भूमिका निभायी थी। कांग्रेस ने दिल्ली (Delhi) के मुख्यमंत्री को ‘छोटा रिचार्ज’ कहकर मामले पर चुटकी ली। आप के संयोजक द्वारा ऑटोमैटिक बिजली सब्सिडी (Automatic Electricity Subsidy) खत्म करने के ऐलान के एक दिन बाद ये ज़ुबानी हमला हुआ और कहा गया कि जो लोग इस योजना का फायदा उठाना चाहते हैं उन्हें इसके लिये आवेदन करना होगा।
कांग्रेस ने ट्विटर कर लिखा कि- “दिल्ली वासियों आप की मुफ्त बिजली योजना नहीं रही। (चुनाव के दौरान) मुफ्त बिजली का विज्ञापन करने वाले छोटा रिचार्ज ने एक नयी योजना तैयार की है। अगर आप बिजली सब्सिडी चाहते हैं तो फॉर्म भरें। ये शुरुआत है दिल्ली में बिजली सब्सिडी खत्म करने की है, कृपया ध्यान दें”
बता दे कि हाल ही में मीडिया से बातचीत के दौरान सीएम केजरीवाल ने कहा था कि ये फैसला आप सरकार ने लिया क्योंकि लाभ पाने वालों में से कई लोग इस योजना को छोड़ना चाहते हैं। उन्होंने लोकप्रिय योजना के लिये आवेदन करने के चरणों को भी लिस्टेड किया।
अब दिल्ली में सब्सिडी चाहने वालों को 7011311111 पर मिस्ड कॉल देनी होगी। उन्हें एक लिंक हासिल होगा और एक व्हाट्सएप फॉर्म (Whatsapp Form) खुल जायेगा। जिसे भरा जा सकता है और मिल रहे लाभों का लाभ उठाने के लिये इसे जमा किया जा सकता है।
आज आम आदमी पार्टी ने सब्सिडी के लिये आवेदन करने की प्रक्रिया जारी की। उन्होनें कहा कि सब्सिडी प्रक्रिया को ऑफलाइन तरीके से भी लागू किया जा सकता है। इच्छुक ग्राहकों को बिल और विधिवत भरे हुए व्हाट्सएप फॉर्म के साथ बिजली विभाग के कार्यालयों में संपर्क करना होगा।
श्रीलंका (Sri Lanka) की आर्थिक गिरावट के बाद जाहिर तौर पर बेलगाम कल्याणकारी योजनाओं की वज़ह से प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) और उनकी पार्टी भाजपा (BJP) ने कई राज्य सरकारों की आलोचना की है कि उनकी योजनाओं को मुफ्त की रेवड़ी वाली संस्कृति कहा। इसी क्रम में भगवा पार्टी ने तेलंगाना (Telangana) और दिल्ली में सरकारों के खिलाफ इस मोर्चें पर मुद्दा खोला जो कि बड़े पैमाने पर कल्याणकारी योजनाओं को शुरू करने के लिये जाने जाते है।
केजरीवाल की आप इस साल गुजरात और हिमाचल प्रदेश (Gujarat and Himachal Pradesh) में बीजेपी से सीधे भिड़ रही है। इन राज्यों में उनका मकसद मुख्य विपक्ष के रूप में कांग्रेस को हटाना है। गुजरात में आप दावा करती रही है कि कांग्रेस मतदाताओं के लिये वाज़िब ऑप्शन नहीं हो सकता है।