शीला दीक्षित के बाद कांग्रेस दिल्ली में अपना सियासी वजूद तलाशने के लिए जूझ रही है। दिल्ली के सिंहासन पर लगातार तीन बार कांग्रेस की बादशाहत कायम रही थी। 15 साल के लंबे वक़्त तक सत्ता की बागडोर संभालने के बाद कांग्रेस अभी तक अज्ञातवास में समय बीत रही है। निगम चुनावों में भी कांग्रेस का प्रदर्शन काफी हताश करने वाला था। दिलचस्प है कि इन विधानसभा चुनावों में कांग्रेस शीला दीक्षित के विकास कार्यों को आधार बनाते हुए चुनावी मैदान में उतर रही है।
आप और भाजपा की मजबूत प्रचार और रणनीतिक कौशल के सामने कांग्रेस कहीं-ना-कहीं बौनी दिख रही है। वजूद बचाने की जद्दोजहद में इस बार कांग्रेस कोई कोर-कस़र नहीं छोड़ना चाहती है, इसलिए कांग्रेस ने दिल्ली विधानसभा चुनावों में 40 स्टार प्रचारकों को चुनावी मैदान में उतारा है।
कांग्रेस द्वारा जारी की गयी स्टार प्रचारकों की सूची में सोनिया गांधी, राहुल गांधी, प्रियंका गांधी वाड्रा और पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिं ह का नाम खासतौर पर शामिल हैं। इसके अलावा पंजाब के सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह शशि थरूर, नवजोत सिंह सिद्धू, शत्रुघ्न सिन्हा, गुलाम नबी आजाद, अशोक गहलोत, ज्योतिरादित्य सिंधिया और सचिन पायलट भी कांग्रेस के लिए चुनाव की अपील करते हुए नज़र आयेगें।
कांग्रेस के इस चुनावी अभियान में दिलचस्प बात है, स्टार प्रचारकों की सूची में कैप्टन अमरिंदर सिंह और नवजोत सिंह सिद्धू का नाम एक साथ आना। एक समय ऐसा भी था, जब सिद्धू और कैप्टन अमरिन्दर सिंह के बीच मतभेद की खब़रे चर्चा का विषय हुआ करती थी। कहीं ना कहीं कांग्रेस के केन्द्रीय नेतृत्व ने सिद्धू का दरकिनार करना भी शुरू कर दिया। ऐसे में स्टार प्रचारकों की सूची में उनका नाम आना, कहीं ना कहीं कांग्रेस में उनकी अहमियत को दिखाता है।
दूसरी ओर भाजपा से आये शत्रुघ्न सिन्हा कांग्रेस के लिए प्रचार करते दिखेगें। शॉटगन का प्रचार कांग्रेस को कितनी पॉलिटिकल माइलेज दिलवाने में मददगार रहेगा, ये विधानसभा चुनावों के नतीज़ों के साथ ही पता चलेगा।