नई दिल्ली (प्रियंवदा गोप): कांग्रेस की राजस्थान, पंजाब और छत्तीसगढ़ इकाइयों में दरार दिखने के बाद, पार्टी को अब उत्तराखंड में बढ़ते तनाव का सामना करना पड़ रहा है। उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत (Former Chief Minister of Uttarakhand Harish Rawat) के हालिया ट्वीट साफतौर पर उत्तराखंड कांग्रेस में पड़ी दरार की ओर इशारा कर रहे हैं। रावत के अगुवाई में कांग्रेस उत्तराखंड के नेताओं की एक उच्च स्तरीय बैठक आज दिल्ली में कांग्रेस आलाकमान (Congress high command) द्वारा बुलायी गयी है।
उत्तराखंड कांग्रेस विधायक प्रीतम सिंह (Uttarakhand Congress MLA Pritam Singh) ने उच्च स्तरीय बैठक से पहले कहा कि, “आज हमें पार्टी आलाकमान द्वारा बुलाया गया है। निर्देशों का पालन करेंगे। हरीश रावत जी के ट्वीट पर टिप्पणी नहीं करेंगे … पार्टी में कोई विवाद नहीं है। हरीश रावत जी हमारे वरिष्ठ नेता हैं। मैं उनके ट्वीट पर कोई टिप्पणी नहीं करना चाहता। पार्टी नेतृत्व ने बैठक बुलाई है। जो भी दिशानिर्देश दिये जाएंगे हम उनका पालन करेंगे। कांग्रेस के सभी सदस्य इसका पालन करेंगे।”
सिंह ने जोर देकर कहा कि पार्टी के भीतर कोई दोफाड़ वाली स्थिति नहीं है और राज्य की पार्टी इकाई अंतरिम अध्यक्षा सोनिया गांधी (Interim President Sonia Gandhi), पार्टी नेताओं राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाड्रा (Priyanka Gandhi Vadra) के मार्गदर्शन में काम कर रही है। उन्होनें आगे कहा कि "साल 2022 में हम पुख़्ता तौर पर विधानसभा चुनाव (Assembly elections) जीतेंगे। मैं हरीश जी के ट्वीट पर कुछ भी टिप्पणी नहीं कर सकता। मैं एक छोटा नेता हूं जो अपने कर्तव्यों का पालन करता है, जो आलाकमान द्वारा दिये जाते हैं। आज दिल्ली में बुलायी गयी बैठक का एजेंडा नहीं पता। हम पार्टी आलाकमान के पास जा रहे हैं जहां कई मुद्दों पर चर्चा होगी।"
सूत्रों के मुताबिक कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने हरीश रावत के ट्वीट के बाद उनसे बात की थी। फिलहाल मौजूदा हालात कांग्रेस के लिये टेढ़ी खीर साबित होते दिख रहे है। गोवा, राजस्थान, पंजाब और छत्तीसगढ़ में कमोबेश इसी तरह के हालात बने हुए है।