न्यूज डेस्क (गौरांग यदुवंशी): दलित छात्र की मौत पर कांग्रेस विधायक पानाचंद मेघवाल (Congress MLA Panachand Meghwal) ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Chief Minister Ashok Gehlot) को अपना त्याग पत्र (Resignation Letter) भेजा है। बता दे कि एक स्कूली शिक्षक ने पानी का बर्तन छूने के लिये दलित छात्र को काफी बेरहमी से पीटा था। अपने खत में उन्होंने आरोप लगाया कि उन्होंने बच्चे के परिवार के लिये 50 लाख रूपये की वित्तीय सहायता और सरकारी नौकरी की मांग की थी, लेकिन कोई जवाब नहीं मिला।
गौरतलब है कि मेघवाल दो बार विधायक रह चुके हैं। उन्होंने बारां-अटरू (Baran-Atru) से 2018 का चुनाव जीता। मामले पर उन्होनें कहा कि- “आज मेरा समाज जिस तरह की यातना का सामना कर रहा है, उसके दर्द को शब्दों में व्यक्त नहीं किया जा सकता है। ऐसा लगता है कि समानता के अधिकार की रक्षा करने वाला कोई नहीं है, जो कि बाबासाहेब डॉ भीमराव आंबेडकर (Babasaheb Dr Bhimrao Ambedkar) ने संविधान में दलितों के लिये प्रदान किया था। दलितों पर अत्याचार के ज्यादातर मामलों में एफआर (फाइनल रिपोर्ट) लगाई जाती है। मैंने कई बार विधानसभा में ऐसे मामले उठाये, इसके बावजूद पुलिस प्रशासन ने कोई कार्रवाई नहीं की।’
मेघवाल ने कहा कि चूंकि वो दलितों के अधिकारों की रक्षा नहीं कर सकते, इसलिये उन्हें पद पर बने रहने का कोई अधिकार नहीं है। उन्होनें कहा कि- “मैं अपनी अंतरात्मा की आवाज पर विधायक पद से इस्तीफा देता हूं। विधायक पद से मेरा इस्तीफा मंजूर करें ताकि मैं बिना किसी पद के समाज के वंचित और शोषित वर्ग की सेवा कर सकूं।”
सोमवार (15 अगस्त 222) को अनुसूचित जाति आयोग (Scheduled Castes Commission) के अध्यक्ष खिलाड़ी लाल बैरवा (Khiladi Lal Bairwa) पीड़ित परिवार से मिलने सुराणा गांव (Surana Village) गये और 50 लाख रूपये की मांग की। उन्होंने कहा कि इस मामले में 50 लाख रूपये दिए जाये और पीड़ित परिवार के 2 सदस्यों को कन्हैयालाल हत्याकांड (Kanhaiyalal Massacre) की तरह नौकरी दी जाये।