न्यूज डेस्क (विश्वरूप प्रियदर्शी): Congress Party Panel: संगठन को मजबूत करने और अगले दौर की चुनावी तैयारी करने के लिये सुझाव देने के लिए कांग्रेस पार्टी अध्यक्षा सोनिया गांधी (Congress Party President Sonia Gandhi) द्वारा गठित कांग्रेस नेताओं की एक विशेष समिति अगले दो-तीन दिनों में अपनी रिपोर्ट देगी। समिति ने बीते बुधवार (20 अप्रैल 2022) को कांग्रेस शासित राजस्थान और छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्रियों से मुलाकात की और उनके साथ पार्टी की चुनावी रणनीति तैयार करने के लिये विचार-विमर्श किया।
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Rajasthan Chief Minister Ashok Gehlot) और छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल (Chhattisgarh Chief Minister Bhupesh Baghel) ने भी गांधी से मुलाकात की और आगामी विधानसभा और आम चुनावों के लिये संगठन की रणनीति पर चर्चा की। बैठक कांग्रेस के लिये दीर्घकालिक रणनीति विकसित करने और चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर (Election Strategist Prashant Kishor) द्वारा प्रस्तुत योजना पर चर्चा करने के लिये आयोजित विचार-विमर्श का हिस्सा थी।
गहलोत और बघेल बुधवार सुबह राष्ट्रीय राजधानी पहुंचे और कांग्रेस अध्यक्ष से उनके आवास पर मुलाकात की जहां किशोर भी मौजूद थे। सूत्रों के मुताबिक कई घंटों तक चली बैठक के दौरान दोनों मुख्यमंत्रियों ने संबंधित राज्यों के लिये अपनी चुनावी योजनाओं (Election Plans) पर चर्चा की और किशोर को वहां लागू करने के लिये अपने अतिरिक्त सुझाव देने को कहा।
माना जाता है कि उन्होंने किशोर की रणनीति पर चर्चा की और अन्य पार्टी नेताओं के साथ इस पर विचार-विमर्श किया जो समिति का हिस्सा हैं। कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला (Congress chief spokesperson Randeep Surjewala) ने मीडिया से कहा कि समिति पिछले दो-तीन दिनों से विचार-विमर्श कर रही है और विचार-विमर्श पूरा करने के बाद अगले तीन दिनों के भीतर वो अपनी रिपोर्ट देगी।
पांच घंटे की बैठक के बाद उन्होंने मीडिया से कहा कि, “पिछले तीन दिनों से ये विचार-विमर्श हो रहे हैं। हम अगले 48 से 72 घंटों की भीतर इस पर रिपोर्ट पेशकर कयासों को खत्म कर देगें”
ये पूछे जाने पर कि क्या समिति किशोर के कांग्रेस में प्रवेश पर अपना फैसला देगी, सुरजेवाला ने कहा, “समिति की भूमिका ये सुझाव देना नहीं है कि किसी विशेष व्यक्ति को कांग्रेस पार्टी में शामिल किया जाना चाहिये या नहीं। चुनाव लड़ने के लिये संगठन को मजबूत करने और इसे 2024 के आम चुनाव और अन्य राज्य विधानसभा चुनावों के लिये तैयार करना है। उनका काम उपाय सुझाना है।
उन्होंने कहा कि समिति ने किशोर के सुझावों पर गौर किया है और वो उन पर विचार कर रही है।
सुरजेवाला ने कहा कि समिति का गठन गांधी ने संगठन को मजबूत करने, अपनी भविष्य की चुनावी रणनीति पर ध्यान देने, संगठनात्मक परिवर्तन लाने और देश के लोगों के दर्द को उजागर करने के लिये कांग्रेस की नीतियों को बनाने में मदद करने के लिये किया था। उन सुझावों में कांग्रेस संगठन को मजबूत करने और इसे बड़ी संख्या में जनता से जोड़ने के तरीके और साधन शामिल हैं। सुझावों में राज्य विधानसभा और केंद्रीय चुनावों दोनों में 2024 तक आने वाले आगामी चुनावों के लिये कांग्रेस को तैयार करना भी शामिल है,”
सुरजेवाला ने आगे कहा कि, “कांग्रेस संगठन को इन सभी बदलावों के अनुकूल होना चाहिये और यही कारण है कि ये समिति पिछले तीन दिनों से प्रशांत किशोर और विभिन्न अनुभवी नेताओं द्वारा समय-समय पर कांग्रेस अध्यक्ष को दिये गये सुझावों पर खासा गौर कर रही है। चूंकि दोनों मुख्यमंत्रियों के पास व्यापक संगठनात्मक और प्रशासनिक अनुभव है, इसलिये समिति ने उनसे विचार-विमर्श में शामिल होने का अनुरोध करना उचित समझा। हमने अशोक गहलोत और भूपेश बघेल दोनों के साथ सार्थक दौर की बातचीत की है।”
मामले पर गहलोत ने मीडिया से ये भी कहा कि- किशोर देश में एक ब्रांड बन गये हैं, जो 2014 के लोकसभा चुनाव में नरेंद्र मोदी के साथ थे और बाद में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के साथ और फिर पंजाब में कांग्रेस के साथ और कई अन्य नेताओं के साथ भी। ये अच्छा होगा कि उनके अनुभव का इस्तेमाल विपक्ष को एकजुट करने और पीएम मोदी की एनडीए सरकार से लड़ने में किया जाये। ऐसा करने की जरूरत है, क्योंकि त्यौहारों के दौरान जिस तरह से हिंसा होती है, वो देश को किस ओर ले जायेगी। ये पहली बार नहीं है जब उनके जैसे विशेषज्ञों की सलाह ली जा रही है।
प्रियंका गांधी वाड्रा, केसी वेणुगोपाल (KC Venugopal), पी.चिदंबरम, जयराम रमेश, दिग्विजय सिंह (Digvijay Singh) और रणदीप सुरजेवाला समेत पार्टी के वरिष्ठ नेताओं का एक गुट किशोर की प्लानिंग पर विचार कर रहा है और अगले दो-तीन दिनों में इस पर कांग्रेस अध्यक्ष को एक रिपोर्ट पेश की जायेगी।
चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने बीते शनिवार (16 अप्रैल 2022) को कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व के सामने अपनी योजना पेश की थी और पार्टी अध्यक्ष ने इस पर गौर करने के साथ पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के विशेषज्ञ पैनल को इस पर अपनी रिपोर्ट देने के लिये कहा। हाल के विधानसभा चुनावों में कई चुनावी हार के बाद कांग्रेस संगठन को मजबूत करने और भाजपा से लड़ने का प्रयास कर रही है। पार्टी ने कबूल किया है कि वो भाजपा सरकार की “नाकामियों” के बारे में लोगों पर असर डालने में नाकाम रही है।