न्यूज डेस्क (विश्वरूप प्रियदर्शी): दक्षिण भारत राज्य पुडुचेरी में कांग्रेस पार्टी (Congress Party) को करारा झटका लगा है। मौजूदा दौर में कांग्रेस भारी वित्तीय संकट और सियासी वजूद बचाने की लड़ाई से जूझ रही है। ऐसे में ये घटना कांग्रेस आलाकमान के लिए बड़ी परेशानी का सब़ब है। हाल ही में 6 कांग्रेसी विधायकों के इस्तीफा देने के बाद नारायणसामी सरकार अल्पमत में आ गई थी। बीते रविवार की 2 विधायकों ने इस्तीफा देकर सूबे में सियासी संकट को और भी ज्यादा बढ़ा दिया। जिसके बाद आज मुख्यमंत्री नारायणसामी ने उपराज्यपाल को अपना इस्तीफा दिया।
विधानसभा में अपने समर्थक विधायकों के साथ मुख्यमंत्री नारायणसामी सदन से वाकआउट कर गए और उपराज्यपाल से मुलाकात कर उन्हें अपना इस्तीफा दे दिया। इस दौरान उन्होंने कहा कि हमने निर्दलीय और द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (Dravida Munnetra Kazhagam) विधायकों के समर्थन से सरकार बनाई थी। जिसके दम पर हमने कई चुनावी मौसमों का सामना किया। कई उपचुनाव जीते जाहिर तौर पर पुडुचेरी के लोगों का भरोसा हम पर कायम है।
विधानसभा सदन में अभिभाषण के दौरान उन्होंने उपराज्यपाल किरण बेदी पर भी जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि किरण बेदी और मोदी सरकार ने मिलकर विपक्ष के साथ उन पर हमला किया। जिसके कारण उनकी सरकार गिर गयी। उन्होनें दावा किया कि जैसे ही हमारे समर्थक विधायक एकजुट होगें तो हम अपने 5 साल कामयाब ढंग से पूरा करेगें। मोदी सरकार पुडुचेरी की आम जनता के साथ विश्वासघात कर रही है।
इस दौरान उन्होंने भाजपा पर जबरन हिंदी थोंपने का भी आरोप लगाया। उनके मुताबिक तमिलनाडु और पुडुचेरी द्विभाषा प्रणाली में आस्था रखते हैं, लेकिन हिंदी को जबरन उन पर लागू किया जा रहा है। विधायकों को अपनी पार्टी के प्रति आस्थावान और वफादार रहना चाहिए। बागी विधायक पुडुचेरी की आम जनता का सामना नहीं कर पायेगें क्योंकि लोग उन्हें मौकापरस्त कहकर धिक्कारेगें। कांग्रेस-द्रमुक की अगुवाई वाली नारायणसामी सरकार आज शाम पांच बजे शक्ति परीक्षण में शामिल होगी। गौरतलब है कि पुडुचेरी विधानसभा में कुल 33 सीटें है। जिनमें से 12 विधायक सत्ताच्युत नारायणसामी सरकार (Incumbent Narayanasamy Government) के पास है और 14 विपक्ष के पास।