न्यूज़ डेस्क (निकुंजा राव): छत्तीसगढ़ में भाजपा कार्यकर्ता दिलीप गुप्ता (BJP worker Dilip Gupta) से हुई मारपीट के मामले में जनजातीय राज्यमंत्री रेणुका सिंह (Minister of State for Tribal Renuka Singh) की जुबान फिसल गयी। दरअसल छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के बलरामपुर में बालक छात्रावास केंद्र में राज्य सरकार द्वारा प्रवासी मजदूरों (Migrant Workers) को ठहराने के लिए क्वारंटाइन सेंटर (Quarantine Center) बनाया गया है। क्वारंटाइन सेंटर में अनियमितता और बदहाली को भाजपा कार्यकर्ता दिलीप गुप्ता अपने मोबाइल कैमरे से फिल्मा रहे थे। इसी दौरान ब्लॉक स्तर (Block level) के दो अधिकारियों ने उन्हें पकड़ लिया। और कथित रूप से मोबाइल छीनकर मारपीट की। मामला जैसे ही छत्तीसगढ़ भाजपा के संज्ञान में आया तो सरगुजा से भाजपा सांसद और जनजातीय राज्यमंत्री रेणुका सिंह ने घटनाक्रम पर कड़ी आपत्ति दर्ज करवाई। इस दौरान उन्होंने कहा कि- प्रदेश सरकार भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ताओं को कमजोर समझने की भूल ना करें। पीड़ित कार्यकर्ता को मैं न्याय दिलाकर रहूंगी।
इस दौरान रेणुका सिंह ने अप्रत्यक्ष तौर पर कथित ब्लॉक अधिकारियों पर निशाना साधते हुए कहा-जिले में जिस तरह का भेदभाव बरता जा रहा है उससे मैं अच्छी तरह वाकिफ हूं। अंधेरे कमरे में ले जाकर मैं बेल्ट खोलकर ठोकना अच्छे से जानती हूं। कार्यकर्ता की मदद करने की बजाय उसे धमकियां (Threats) दी जा रही है। ये बर्दाश्त करने लायक नहीं है। प्रदेश सरकार भूखी-नंगी है। जिले के एसपी, कलेक्टर और आईजी मामले को छुपाने में लगे हैं। इस दौरान भाजपा कार्यकर्ता ने मारपीट का आरोप बलरामपुर (Balrampur) सीईओ और तहसीलदार पर लगाया।
जिले के सीईओ ने बयान जारी करते हुए कहा- अगर कोई शख्स क्वारंटाइन किया गया है तो उसे छूने का कोई मतलब नहीं बनता है। जिस तरह से मंत्री महोदया ने लोगों के सामने हमें फटकारा है, उससे हमारा मनोबल काफी गिरा है। संवैधानिक पद (Constitutional post) पर आसीन किसी भी व्यक्ति को ऐसा व्यवहार शोभा नहीं देता। तहसीलदार शादाब खान के मुताबिक- हम लोग नियमित दौरे के तहत क्वारंटाइन सेंटर में गए थे। कथित युवक से किसी तरह की कोई मारपीट नहीं हुई है।
हालांकि इससे पहले भी कई दफा रेणुका सिंह का बड़बोलापन सामने आया है। जिसकी वजह से रेणुका सिंह को रमन सिंह सरकार के कार्यकाल में अपना मंत्री पद गंवाना पड़ा था।
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