न्यूज डेस्क (मृत्युजंय झा): दिल्ली के जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) में बीते रविवार (10 अप्रैल 2022) को छात्रों के दो समूहों के बीच कथित तौर पर रामनवमी (Ram Navami) के अवसर पर छात्रावास की कैंटीन में मांसाहारी भोजन परोसे जाने को लेकर हाथापाई हो गयी। कथित तौर पर अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) के छात्रों ने अन्य वामपंथी छात्रों को मांस खाने से रोका और कावेरी छात्रावास के मेस सचिव के साथ मारपीट हुई।
साथ ही वामपंथी छात्र कथित रूप से कावेरी छात्रावास में रामनवमी के मौके आयोजित पूजा में बाधा डाल रहे थे। जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय छात्र संघ (JNUSU) ने आगे आरोप लगाया है कि ABVP ने हंगामा करने के लिये “गुंडागर्दी और बाहुबल” का इस्तेमाल किया।
छात्र संगठन (Student Body) ने अपने बयान में कहा कि, “वो रात के खाने के मेनू को बदलने और सभी छात्रों के लिये सामान्य मांस चीज़ों का इस्तेमाल करने से रोकने के लिये मेस समिति पर हमला कर रहे थे। जेएनयू और उसके छात्रावास सभी छात्रों के लिये समावेशी स्थान हैं, ना कि किसी विशेष वर्ग के लिये।”
जेएनयूएसयू के आरोपों को खारिज करते हुए एबीवीपी ने कहा, कुछ छात्रों ने रामनवमी के शुभ अवसर पर दोपहर साढ़े तीन बजे कावेरी छात्रावास (Kaveri Hostel) में पूजा और हवन कार्यक्रम का आयोजन किया था।
एबीवीपी ने आगे दावा किया कि, “जेएनयू के कई आम छात्र इस पूजा में शामिल हुए। वामपंथी छात्रों ने विरोध किया, बाधा डाली और पूजा को होने से रोका। उन्होंने ‘भोजन के अधिकार’ (मांसाहारी भोजन) के मुद्दे पर झूठा हंगामा किया।”
बता दे कि दोनों पक्षों ने एक दूसरे पर पथराव करने और अपने सदस्यों को घायल करने का आरोप लगा रहे है। इसी क्रम में दोपहर साढ़े तीन बजे कावेरी हॉस्टल में हुई इस घटना में छह छात्र घायल हो गये।
झड़प के बाद यूनिवर्सिटी ने नोटिस जारी कर कहा कि कैंपस मेस में मांसाहारी खाना खाने पर कोई पाबंदी नहीं है और यूनिवर्सिटी प्रशासन (University Administration) की तरफ से भी कोई पाबंदी नहीं है। जेएनयू के रेक्टर अजय दुबे ने बताया कि, “चाहे रमजान (Ramadan) हो या रामनवमी हर कोई इसे अपने तरीके से मना सकता है।”
अजय दुबे (JNU Rector Ajay Dubey) ने आगे कहा कि- “हर कोई अपने अपने धर्म का पालन करता है। मेस छात्र समिति द्वारा चलाया जाता है और वो ही मेनू तय करते हैं। फिलहाल कार्रवाई की गयी है। वार्डन ने एक नोटिस जारी किया है और ये साफ किया गया है कि प्रत्येक व्यक्ति अपने मुताबिक पूजा कर सकता है। उसकी आस्था का विश्वविद्यालय में कोई निषेध नहीं है”
इस बीच घटना के हिंसक होने के बाद पुलिस को विश्वविद्यालय परिसर में बुलाया गया। मामले पर पुलिस उपायुक्त (दक्षिण पश्चिम) मनोज सी ने कहा कि- “अभी तक कोई हिंसा नहीं हुई है। एक विरोध प्रदर्शन किया गया था, जो अब खत्म हो गया है। हम सभी अपनी टीम के साथ मौके पर तैनात हैं। विश्वविद्यालय के अनुरोध पर हम यहां आये हैं और शांति बनाये रखने की कोशिश कर रहे हैं।”