Movie Rating – 2.5 Stars
मूवी रिव्यु डेस्क (नई दिल्ली): Coolie No. 1 Movie Review – जब राजू (Varun Dhawan) की गोद में सारा (Sara Ali Khan) की तस्वीर गिरती है, तो उसे सारा से पहली नजर में प्यार हो जाता है। पेशे से कुली राजू सारा को किसी भी तरह अपनी पत्नी बनाना चाहता है। इस कड़ी में अब पंडित जय किशन (Javed Jaaferi) भी जुड़ जाते है जो सारा के व्यवसायी पिता जेफरी रोजारियो (Paresh Rawal) से बदला लेना चाहते है क्यूंकि सारा के पिता ने किशन को उनकी बेटी के लिए उनकी बराबरी का रिश्ता न लाने पर अपमानित किया था। और इस तरह से राजू सिंगापुर के राजकुमार बनकर सारा और उसके परिवार को लुभाने के लिए जाल बुनते है।
निर्देशक डेविड धवन (Director David Dhawan) और उनके पटकथा लेखक रूमी जाफरी (screenplay writer Rumi Jaffrey) ने अपनी 1995 की ब्लॉकबस्टर के इस रीमेक में स्क्रिप्ट का केवल नाम ही नहीं बदला है मगर 2020 के इस फिल्म में बाकी सब कुछ बदल दिया है। बदलाव काफी बड़े लेवल पर किये गये है लेकिन निश्चित रूप से बेहतर नहीं है। वरुण धवन भी गोविंदा (Govinda) का किरदार निभाने में कामयाब नही हो पाए है।
हालांकि सारा अली खान फिल्म में काफी ग्लैमरस और गॉर्जियस दिख रही हैं, लेकिन वो इस बात से कतई नही बच सकती कि उन्हें अपनी कॉमिक टाइमिंग पर मेहनत करने की वाकई जरूरत है। शुक्र है कि हमारे पास कुछ इक्का-दुक्का कॉमेडियन हैं जो हमारा दिन बना देते है और उनमें से एक है जॉनी लीवर (Johnny Lever) जो आपको हंसाने के लिए ऑनस्क्रीन कुछ भी कर सकते है। एक चुलबुले पुलिस इंस्पेक्टर गोडबोले के रूप में लीवर ही एक ऐसे व्यक्ति है जो केवल वो ही बता सकता है कि वास्तव में दोनों राजू एक ही व्यक्ति हैं।
इस फिल्म में नब्बे के दशक में भी डबल रोल झेल पाना दर्शकों के लिए मुश्किल था और अभी भी मुश्किल ही है लेकिन डेविड धवन और उनकी टीम को यह लगा कि शायद वो शहरों की चकाचौंध और कुछ अलग ढंग से दिखाने पर दर्शक बोर नही होंगे। खैर, यह हमारे लिए काफी नहीं है।
हमारे पास इस फिल्म में परेश रावल (एक गोयन कैथोलिक के रूप में) भी है जो हमेशा खुश होने पर एक गोयन गीत गाते है और कहते है, ‘Heavens in the dock man”। इस तरह की कॉमेडी से मनोरंजक बनाने के लिए अभिनेता की वास्तव में जन्मजात क्षमता है।
फिल्म में जावेद जाफरी और राजपाल यादव की भी कुछ मस्ती जोड़ी गई हैं, लेकिन अगर ये मस्ती थोड़ी और होती तो बेहतर होता। वहीँ फिल्म में साक्षी तलसानिया और साहिल वैद के रोमांस का ट्रैक जबरदस्ती फिट किया गया है।
फिल्म का संगीत निश्चित रूप से सुनने के लिए बुरा नहीं है और गाने पूरी धूमधाम से दिखाए गए हैं। लेकिन ‘मिर्ची लगी’ गाने को और बेहतर फिल्माया जा सकता है, या फिर यूं कहें की फिल्म को भी और बेहतर किया जा सकता था।