न्यूज डेस्क (ओंकारनाथ द्विवेदी): चीन मौजूदा हालातों में कोरोनो वायरस (Corono Virus) मामलों में अचानक आयी तेजी से जूझ रहा है, जो कथित तौर पर ओमिक्रॉन सबवेरिएंट (Omicron Subvariant) BF.7 की वजह से हो रहा है। बीजिंग के अलावा अलग-अलग शहरों के अस्पतालों का हाल तो और भी बुरा है। अस्पताल में हर जगह मरीज हैं और ये सभी कोविड से जूझ रहे हैं। अमेरिका (America) के इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ मेट्रिक्स एंड इवैल्यूएशन (Institute of Health Metrics and Evaluation) के मुताबिक अगर चीन (China) में हालात नहीं सुधरे तो 2023 के आखिर तक कोविड (Covid) की वजह से दस लाख लोगों की जान जा सकती है।
अब आप सोच रहे होंगे कि चीन में कोविड के मामले अचानक कैसे बढ़ गये? ये चीनी सरकार (Chinese Government) की ओर से जीरो-कोविड पॉलिसी को हटाने के कारण है। जीरो-कोविड पॉलिसी (Zero-Covid Policy) में लॉकडाउन से लेकर लोगों को घरों में क्वारंटीन (Quarantine) करने तक के सख्त नियम लागू करना शामिल है। पिछले तीन साल से चीन के अलग-अलग हिस्सों में लगातार छोटे-बड़े लॉकडाउन (Lockdown) चल रहे थे, लेकिन अब सभी लॉकडाउन हटाये जा रहे हैं, चीन में कोविड केयर के लिये जो हेल्थ सेंटर बनाए गये थे, उन्हें बंद कर दिया गया है।
चीन में कोविड मामलों में उछाल तब शुरू हुआ जब उसने लंबे समय के बाद कोरोना प्रतिबंधों में ढील दी। अब समझिये ऐसा क्यों हुआ। जीरो कोविड पॉलिसी के तहत चीन के लोग तीन साल तक लंबे समय तक लॉकडाउन में रहे। लोगों को बाहर निकलने की इजाजत नहीं थी और इस वजह से वहां के लोगों में प्राकृतिक रोग प्रतिरोधक क्षमता (Natural Immunity) विकसित नहीं हो पाती थी और फिर चीन में जैसे ही कोविड का नया वैरिएंट आया, लॉकडाउन में ढील मिलते ही ये लोगों के बीच तेजी से फैलने लगा।
चीन जीरो-कोविड पॉलिसी के तहत कोविड के खिलाफ अपनी कामयाबी मान रहा था लेकिन ये उसकी सबसे बड़ी गलती साबित हुई। चीन ने लगातार लॉकडाउन लगाया जबकि दुनिया के अन्य हिस्सों में धीरे-धीरे लॉकडाउन हटा लिया गया। इसका सीधा असर लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता पर पड़ा।
विशेषज्ञों का मानना है कि वैक्सीन के जरिये रोग प्रतिरोधक क्षमता एक निश्चित समय के लिये ही होती है, जबकि लोगों में स्वाभाविक रूप से विकसित होने वाली प्रतिरोधक क्षमता वायरस के खिलाफ लंबे समय तक प्रभावी रहती है। चीन में कोविड मामलों की बढ़ती तादाद और मौतों के लिये चीन की वैक्सीन और वैक्सीन पॉलिसी (Vaccine Policy) को भी जिम्मेदार माना जा सकता है। चीन की वैक्सीन कितनी असरदार है, इसकी जानकारी किसी को नहीं है।