न्यूज डेस्क (नीलोत्पल साहू): देश कोरोना वायरस संक्रमण (Corona virus infection) की दूसरी लहर से बुरी तरह जूझ रहा है। देश के सभी संसाधन और मेडिकल इंफ्रास्ट्रक्चर हालातों पर काबू पाने की कोशिश में लगे हुए हैं। इस बीच केंद्र सरकार के मुख्य वैज्ञानिक सलाहकार विजय राघवन के एक बयान ने लोगों की चिंताओं को काफी बढ़ा दिया है। विजय राघवन के मुताबिक देश में कोरोना वायरस संक्रमण की तीसरी लहर पुख्ता तौर पर आयेगी, हालांकि ये कब आएगी इसका अभी अंदाजा लगाना मुश्किल है, लेकिन देश को महामारी तीसरी लहर के खिलाफ शुरुआती तैयारियां करने की बेहद जरूरत है।
प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान विजय राघवन ने आगे कहा कि वायरस काफी तेजी से पांव पसार रहा है। मौजूदा वायरस का स्ट्रेन पहले की तरह फैल रहा है, लेकिन इसमें तेजी से संक्रमण फैलाने के गुण है। मौजूदा वायरस वैरियेंट (Virus variant) के खिलाफ भारतीय वैक्सीन पूरी तरह से कारगर है। इस बात की पुख्ता संभावना है कि भारत समेत दुनिया के तमाम देशों में और भी कई नये वायरस वेरिएंट सामने आ सकते हैं। ऐसे में एक लहर के खत्म होने के बाद आम लोगों की मुस्तैदी और सावधानी में आयी कमी से वायरस को फिर से फैलने का मौका मिला मिलता है।
इस बीच केंद्रीय परिवार कल्याण एवं स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक कोरोना संक्रमण के मामलों में गिरावट के मामूली संकेत मिले हैं। करीब 12 राज्यों में फिलहाल एक लाख से कम संक्रमण के सक्रिय मामले देखे गये हैं। हेल्थ मिनिस्ट्री के ज्वाइंट सेक्रेट्री ने मीडिया को बताया कि देश के 10 राज्यों में संक्रमित होने की दर 25% से ज्यादा है। ऐसे में इसकी रफ्तार पर काबू पाकर इसमें और कमी लाने की बेहद जरूरत है। संयुक्त सचिव लव अग्रवाल (Joint Secretary Luv Aggarwal) ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान बताया कि, पहले की तुलना में कोरोना संक्रमण के मामलों की रफ्तार 2.4 फीसदी की तेजी से बढ़ी हैं। कई राज्यों में संक्रमित मरीज़ों की ज्यादा मौतें हुई है। वायरस संक्रमण के कारण मृत्यु दर दिल्ली, कर्नाटक, हरियाणा, आंध्र प्रदेश और महाराष्ट्र में काफी बढ़ी है। जिसके कारण इन राज्यों में काफी मौतें दर्ज की गयी।
इसके साथ ही स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा जारी बयान में बताया गया कि- बिहार, आंध्र प्रदेश, राजस्थान, कर्नाटक, तमिलनाडु, केरल और पश्चिम बंगाल जैसे राज्य में रोजाना संक्रमित होने वाले लोगों की तादाद में लगातार उछाल बना हुआ है। कुछ इलाकों में संक्रमण का घनत्व (Infection density) लगातार चिंताजनक स्तर पर पहुंच गया है। इसी क्रम में चेन्नई में में अड़तीस हज़ार और बेंगलुरु में पिछले हफ्ते के दौरान एक लाख उन्नचास हज़ार कोरोना वायरस के सक्रिय मामले सामने आये।