न्यूज डेस्क (समरजीत अधिकार): कोरोना वायरस की दूसरी लहर (Second wave of corona virus) के सामने पूरा देश लाचार दिख रहा है। देश का मेडिकल स्ट्रक्चर पूरी तरह धराशायी हो गया है। आम लोगों का भरोसा राज्य प्रशासन से पूरी तरह खो चुका है। ऐसे में लोग फेसबुक सहित कई सोशल प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल कर ऑक्सीजन, दवाई, वैक्सीन और बेड से जुड़ी जानकारियां साझा करके एक दूसरे की मदद कर रहे हैं। श्मशान घाट, कब्रिस्तान और अस्पतालों के मुर्दाघर लाशों से पटे हुये हैं। इसी क्रम में सोशल मीडिया पर कई दिल दहलाने वाली तस्वीरें भी शेयर की गयी। जहां लाशों का अंतिम संस्कार करने के लिए लंबी-लंबी लाइनें देखी गयी। साथ ही कब्रिस्तान में भी लोगों को दफन करने की जगह कम पड़ती हुई दिखी।
इन सबके बीच कर्नाटक के बैंगलुरू में चामराजपेट श्मशान पर प्रबंधकों ने अंतिम संस्कार के लिये जगह कम पड़ने पर हाउसफुल का बोर्ड (Housefull Board) श्मशान घाट के गेट पर लगा दिया। जो कि मीडिया में सुर्खियां बटोर रहा है। यहां पर एक साथ 20 शवों का अंतिम संस्कार करने की सुविधा है। यानि कि ये श्मशान घाट अपनी पूरी क्षमता के साथ काम कर रहा है। बावजूद इसके बढ़ते दबाव के कारण संचालकों ने और शवों का अंतिम संस्कार करने से मना करने के लिए हाउसफुल का बोर्ड मजबूरन लगाना पड़ा। बेंगलुरु में फिलहाल कुल मिलाकर 13 शमशान है। जो अपनी पूरी क्षमता के साथ काम कर रहे हैं। बावजूद इसके वो ज्यादा दबाव सहने की स्थिति में नहीं है।
हाल ही में कर्नाटक के हालात दिल्ली के तर्ज पर एकाएक बिगड़ते हुए दिखे। जहां एक बार में कई कोरोना संक्रमितों की बड़ी तादाद सामने आयी। इन हालातों को देखते हुए राज्य सरकार ने आम लोगों को उनके अपने मालिकाना हक़ वाले प्लाटों और खेतों पर अंतिम संस्कार करने की मंजूरी देने का फैसला किया। फिलहाल शहर के सभी अस्पताल, कब्रिस्तान, श्मशान, मुर्दाघर, नर्सिंग होम (nursing home) और सभी छोटे अस्पताल कोरोना के कारण बने दबाव से जूझ रहे है।