न्यूज डेस्क (प्रियंवदा गोप): भारत में मौजूदा कोरोना संकट (Corona Crisis) को देखते हुए केन्द्र सरकार ने सभी राज्यों को अपने स्तर पर कंटेनमेंट जोन बनाने की हिदायत दी है। नीति आयोग के मुताबिक कोरोना का प्रकोप आने वाले तीन हफ़्तों अपने चरम स्तर पर होगा। सभी राज्यों के प्रमुख सचिवों और पुलिस प्रमुख की मीटिंग लेकर तैयारियां करने की सलाह दी है। नीति आयोग की स्वास्थ्य समिति के मेम्बर वीके पॉल ने इससे जुड़ी सलाह दी है। उन्होनें सिरो सर्वे करवाकर संक्रमण की ट्रैकिंग और ट्रैसिंग करने की भी बात कही।
नीति आयोग की वर्चुअल मीटिंग के दौरान हेल्थ सेक्रेटरी राजेश भूषण, आईसीएमआर के डायरेक्टर डॉ. बलराम भार्गव और होम सेक्रेटरी अजय कुमार भल्ला ने अपनी बातें रखी। गृह सचिव अजय कुमार भल्ला ने कहा कि देश में मौजूदा कोरोना संकट काफी तेजी से पांव पसार रहा है, जनवरी महीने के दौरान हर दिन करीब 20,000 मामले सामने आ रहे थे, यानि कि हालात फिलहाल 10 गुना ज़्यादा बुरे हो चुके है। दस दिनों के दौरान ही देश में नये केसों की तादाद दुगुनी हो गयी है।
इस बैठक के दौरान केन्द्र शासित प्रदेशों में कोरोना टेस्टिंग में बढ़ोत्तरी करने का भी प्रस्ताव रखा गया। इसके साथ ही गृह सचिव ने आधारिक संरचना को मजबूत करने के साथ कंटेनमेंट जोन योजना (Containment Zone Plan) और कोरोना प्रोटोकॉल का सख्ती से पालन कराये जाने के आदेश भी दिये। उन्होनें ने कहा कि आगामी तीन हफ्तों के हिसाब से हमें अस्पतालों का इंफास्ट्रक्चर बेहद मजबूत करना होगा। जिसके तहत आरटी पीसीआर टेस्ट के साथ-साथ रैपिड एंटीजन टेस्ट में भी इजाफा करते हुए इनकी रफ्तार बढ़ानी होगी।
इस बैठक के दौरान कई केंद्र शासित प्रदेशों ने जनता की गतिविधियों को सीमित करने का सुझाव दिया। जिसके तहत नाइट कर्फ्यू, लॉकडाउन और धारा-144 जैसी पाबंदियों की सिफारिश की गयी। चंडीगढ़ के प्रतिनिधि ने बताया कि वैक्सीनेशन के लिए काउंसलिंग पर जोर दिया जा रहा है, ताकि टीकाकरण की रफ्तार बढ़ायी जा सके। इसके साथ ही प्रयास किए जा रहे हैं कि लोग होम आइसोलेशन (Home isolation) के दौरान सावधानियां बरतते हुए सही से संक्रमण प्रबंधन करें। बैठक के दौरान दिल्ली में बैड्स, वेटींलेटर और ऑक्सीजन की कमी का मुद्दा जोर-शोर से उठाया और केंद्र सरकार से हेल्थ इंस्पेक्टर मजबूत करने की मांग की।