न्यूज़ डेस्क (नई दिल्ली): लगातार 10 महीने बाद COVID-19 मामलों से निपटते हुए , मंगलवार को दिल्ली हवाई अड्डे पर Covishield vaccine की 2.64 लाख खुराक राजधानी में टीकाकरण की शुरुआत के लिए पहुँच चुकी है। पूर्वी दिल्ली के राजीव गांधी सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल (Rajiv Gandhi Super Speciality Hospital) में शहर के सबसे बड़े और केंद्रीय कोविद वैक्सीन कोल्ड स्टोरेज केंद्र बनाया गया है, जहाँ ये वैक्सीन शनिवार से महामारी के खिलाफ लड़ाई में नई उम्मीद जगाएंगी।
8,900 स्वास्थ्य कर्मियों के साथ टीकाकरण की शुरुआत होगी, जिन्हें राजधानी के 89 बूथों पर टीका लगाया जायेगा। टीकाकरण के इस अभूतपूर्व अभियान का उद्देश्य अन्य कमजोर समूहों पर जाने से पहले 2.25 लाख स्वास्थ्य कर्मचारियों का टीकाकरण करना है और धीरे-धीरे शहर के बाकी हिस्सों में लोगों को कवर करना है।
Covishield vaccine को तीन लेयर की सुरक्षा व्यस्था में 2 to 8 डिग्री C तापमान पर सुरक्षित रखा जायेगा। एक कोल्ड ट्रक द्वारा अस्पताल में वैक्सीन के 22 बॉक्स वितरित किए जिनमें प्रत्येक बॉक्स में 1,200 शीशियाँ हैं और प्रत्येक शीशी में 10 खुराक हैं। प्रत्येक बूथ पर एक दिन में 100 लोगो को टीकाकरण किया जायेगा।
एक अधिकारी ने कहा कि अस्पताल में पूरी स्टोरेज सुविधा दिल्ली पुलिस कर्मियों और अस्पताल के सुरक्षा कर्मचारियों के साथ 24×7 सीसीटीवी निगरानी में है। स्वास्थ्य और परिवार कल्याण विभाग द्वारा वैक्सीन को कोल्ड वैन में 89 कोल्ड चेन पॉइंट्स पर भेजा जाएगा, जो 89 वैक्सीनेशन बूथों के पास स्थित हैं, जहाँ से टीकाकरण अभियान शुरू किया जायेगा।
एक अधिकारी ने कहा कि वैक्सीन को कोल्ड चेन पॉइंट्स पर आसानी से लंबे समय तक स्टोर किया जा सकता है। डॉ. सुनीला गर्ग, निदेशक-प्रोफेसर और सामुदायिक चिकित्सा प्रमुख मौलाना आज़ाद मेडिकल कॉलेज (Maulana Azad Medical College) और एक सार्वजनिक स्वास्थ्य विशेषज्ञ ने कहा कि “सरकारी केन्द्रों पर स्थित बूथों के लिए, शीशियों को शनिवार से एक दिन पहले भेजा जाएगा, जबकि निजी अस्पतालों में स्थित बूथों के लिए, इन्हें शनिवार सुबह भेजा जाएगा,”
सीएम अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal), लोक नायक अस्पताल (Lok Nayak Hospital) में एक समारोह में टीकाकरण कार्यक्रम की शुरुआत करेंगे। प्रत्येक टीकाकरण बूथ पर, एक दिन में केवल 100 लोगों को टीका लगाया जाएगा।
जिन लोगों ने टीकाकरण के लिए रजिस्ट्रेशन किया है, वे एक दिन पहले लिखित सन्देश (SMS) के माध्यम से बूथ के समय और पते की जानकारी दी जाएगी। बूथ पर SMS और एक पहचान पत्र दिखाना आवश्यक होगा।
प्रत्येक बूथ में तीन कमरे होंगे और दिल्ली पुलिस और नागरिक सुरक्षा स्वयंसेवकों (civil defence volunteers) द्वारा प्रबंधित किया जाएगा। लाभार्थी की पहचान का सत्यापन पहले कमरे में किया जाएगा और Co-WIN app पर जानकारी अपडेट की जाएंगी। फिर व्यक्ति को दूसरे कमरे में टीका लगा जायगा। फिर अगला पड़ाव एक अवलोकन कक्ष होगा जहाँ लाभार्थी को किसी भी प्रतिकूल घटना से बचाव के लिए 30 मिनट तक रहना होगा।
राजीव गांधी सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल का चयन तब किया गया जब केंद्र ने कुछ महीने पहले दिल्ली सरकार को एक पत्र लिखकर लगभग 5,000 वर्ग मीटर की जगह की पहचान करने के लिए कहा था।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की एक टीम ने उपयोगिता ब्लॉक का सर्वेक्षण किया और मंजूरी दी जिसके बाद भवन को फिर से बनाया गया। एक सरकारी अधिकारी ने कहा, “किए गए संशोधनों में मौजूदा दरवाजों को बदला गया है ताकि बल्क स्टोरेज के लिए डीप फ्रीजर आसानी से लाया जा सके। अधिक बिजली के पॉइंट्स भी जोड़े गए और पर्याप्त पावर बैक-अप की व्यवस्था की गई है।”