नई दिल्ली (शौर्य यादव): अमेरिकी संसद की यूनाइटेड स्टेट सीनेट (United State Senate of American Parliament) में टॉम कॉटन (Tom Cotton) और यूनाइटेड स्टेट हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव (United State House of Representative) में डैन क्रेनशॉ (Dan Crenshaw) ने एक विधेयक का मसौदा सदन पटल पर रखा। दोनों अमेरिकी सांसदों की पहल पर तैयार किए जा रहे इस मसौदे के मुताबिक- अमेरिकी नागरिक कोरोना वायरस (Coronavirus) के कारण हुए जान-माल के नुकसान के लिए चीन (China) के खिलाफ फेडरल कोर्ट में मुकदमा दायर कर हर्जाने की मांग कर सकते हैं। इस विधेयक को अमलीजामा पहनाने के लिए अमेरिकी संसद को Foreign sovereign immunity act में संशोधन करने पड़ेंगे।
इस मौके पर सीनेटर टॉम कॉटन ने बीजिंग पर सीधा हमला करते हुए कहा- कोरोना वायरस के बारे में दुनिया को आगाह करने की कोशिश करने वाली डॉक्टर और पत्रकार को चीन ने खामोश करा दिया। कम्युनिस्ट सरकार के इसी रवैये की वजह से दुनिया भर में वायरस इन्फेक्शन पांव पसारता चला गया। दूसरी ओर बढ़ते वायरस इन्फेक्शन के मद्देनजर अमेरिकी जनता ट्रंप प्रशासन के फैसलों को बुरी तरह नाकामयाब बता रही है। प्यू रिसर्च सेंटर के सर्वे के मुताबिक दो-तिहाई अमेरिकियों का मानना है कि, राष्ट्रपति ट्रंप (President Donald Trump) ने आपदा के हालातों में काफी देरी से फैसले लिए, इस मोर्चे पर राष्ट्रपति पूरी तरह फेल रहे हैं।
गौरतलब है कि, मार्च के आखिरी हफ्ते के दौरान संयुक्त राष्ट्र में वायरस के मुद्दे पर चीन और अमेरिका की तल्ख़ियां खुलकर सामने आई थी। बिगड़ रहे हालातों के लिए दोनों एक दूसरे पर इल्ज़ाम लगा रहे थे। मौजूदा विधेयक का मसौदा चीन के प्रति आक्रामक अमेरिकी विदेश नीति का हिस्सा है। अगर ये विधेयक कानून की शक्ल अख्तियार करता है तो, चीन की साख़ अंतर्राष्ट्रीय मंचों पर गिरनी तय है। जिसका सीधा असर उसके बाजार और अर्थव्यवस्था पर पड़ेगा।