वाशिंगटन (एजेंसी): वायरस का खतरा तकरीबन पूरी दुनिया भर में छाया हुआ है। यूरोप के कई बड़े देश और अमेरिका इस खतरे से जूझ रहे है। ऐसे में वहां की अर्थव्यवस्था का लड़ाखड़ाना लाज़िमी है। मौजूदा खतरे के बीच चीन की ओर से एक थ्योरी सामने आ रही है कि, ये अमेरिकी अगुवाई में तैयार किया गया बायोलॉजिकल का हमला था। ताकि तेजी से बढ़ रही चीन की अर्थव्यवस्था को रोका जा सके। ताकि दुनिया भर में अपनी बादशाहत कायम रखी जा सके। इस थ्योरी को राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप में व्हाइट हाउस में हुई प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान सिरे से खारिज कर दिया। फिलहाल अमेरिका खुद इस महामारी की चपेट में है। खबर लिखे जाने तक अमेरिका में 5113 लोग कोरोना इंफेक्शन से मारे जा चुके हैं। फिलहाल सवा दो लाख अमेरिकी संक्रमण के खतरे से जूझ रहे हैं। इंफेक्शन के सबसे बदतर हालात न्यूयॉर्क में देखने को मिल रहे हैं। जहां अब तक 83,901 अमेरिकी वायरस से संक्रमित हैं, साथ ही अब तक यहां 2,219 मौतें वायरस इन्फेक्शन की वजह से हो चुकी है।
अमेरिकी अखबार द नेशन के हवाले से एक रिपोर्ट सामने आ रही है, जिसमें अमेरिकी रक्षा विभाग पेंटागन ने सनसनीखेज खुलासा किया है। रिपोर्ट के मुताबिक साल 2017 के दौरान यूनाइटेड स्टेट नॉर्दन कमांड ने पेंटागन को एक रिपोर्ट सौंपी थी। जिसमें आने वाले सालों में संभावित जैविकीय हमले का जिक्र किया गया था। यानि मौजूदा हालातों की जानकारी अमेरिका को 3 साल पहले ही मिल चुकी थी। चेतावनी के बावजूद ट्रम्प प्रशासन की तैयारियां और व्यवस्थाएं खोखली रही। पेंटागन को सौंपी रिपोर्ट में साल 1918 से लेकर 2009 तक के वायरस अटैक के पैटर्न की विस्तृत जानकारी दर्ज है। इसके साथ ही नॉर्दन कमांड ने इन्फ्लुएंजा और महामारी की आशंकाओं पर 3 साल पहले ही मोहर लगा दी थी।
पेंटागन को सौंपी नॉर्दन कमांड की रिपोर्ट कई बड़े सवाल खड़े करती है। अगर अमेरिकी रक्षा विभाग को किसी बड़े वायरस अटैक की जानकारी पहले से थी, तो उसने उसे दुनिया से साझा क्यों नहीं किया? संभावित खतरें की तैयारियों में अमेरिकी प्रशासन नाकाम क्यों रहा? कोरोना का बढ़ता विश्वव्यापी संकट कहीं किसी साजिश का हिस्सा तो नहीं? अमेरिकी रक्षा विभाग के पास ये जानकारी काफी पहले से थी, ऐसे में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप जानबूझकर अमेरिकी जनता को खतरे में झोंका रहे है?