न्यूज़ डेस्क (श्रेयसी श्रीधरा): आईसीएमआर के डायरेक्टर जनरल प्रोफ़ेसर बलराम भार्गव (ICMR Director General Professor Balaram Bhargava) ने प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए, देश में सामुदायिक संक्रमण (Community transmission) की संभावनाओं से इनकार किया। उनके मुताबिक- क्षेत्रफल और जनसांख्यिकीय (Area and Demographic) के आधार पर देश में संक्रमण घनत्व (Infection density) बेहद कम है। इसके मद्देनजर देश कम्युनिटी इंफेक्शन स्प्रेड (Community infection spread) के दायरे से बाहर है। फिलहाल देश की 0.73 आबादी ही वायरस इन्फेक्शन (Virus infection) से ग्रसित है। वैश्विक परिदृश्य (Global scenario) के आधार पर भारत में मृत्यु दर बेहद कम है। लेकिन देश की बड़ी आबादी को देखते हुए खतरे की संभावनाओं से इनकार नहीं किया जा सकता।
शहरी इलाकों की बसावट को लेकर चिंता जाहिर करते हुए उन्होंने कहा- शहरी क्षेत्रों में 1.09 और शहरी क्षेत्र के स्लम इलाकों (Slum areas) में 1.89 गुना ज्यादा इंफेक्शन फैलने का खतरा है। ऐसे में राज्य सरकारों को झुग्गी-झोपड़ी वाले इलाकों में खास एहतियात बरतनी पड़ेगी। स्थानीय स्तर पर लॉकडाउन लगाकर राज्य सरकारें हालातों को नियंत्रण में कर सकती हैं। स्थानीय प्रशासन (Local administration) को लगातार कंटेनमेंट जोन मूल्यांकन (Infection Evaluation) करना होगा। ताकि जरूरत के मुताबिक जरूरी कदम उठाए जा सकें। लॉक डाउन की समीक्षा करने के लिए देशभर के 83 जिलों में सर्वे करवाए गए। जिसके नतीजे बताते हैं कि, ये प्रयास काफी कारगर रहा है।
इसी प्रेस वार्ता के दौरान स्वास्थ्य मंत्रालय (Ministry of Health and Family Welfare) के अधिकारी लव अग्रवाल मीडिया को बताया कि, फिलहाल देश में वायरस इन्फेक्शन से ठीक होने वाले लोगों की दर 49.21 फीसदी हो चुकी है। जो कि राहत की बात है। 11 जून तक देशभर में 1,41,028 लोग संक्रमण की चपेट से उबर चुके हैं।
ताजा आंकड़ों के मुताबिक देशभर में 2,86,579 संक्रमण के मामले सामने आ चुके हैं। जिनमें 8,102 लोगों की मृत्यु हो चुकी है। भारत इंफेक्शन झेल रहे टॉप 5 देशों में शुमार है।