नई दिल्ली (निकुंजा राव): “Pharma Bro” के नाम से मशहूर Martin Shkreli ने दावा किया है कि, वो कोरोना वायरस की कारगर दवा बना सकते है। फिलहाल मार्टिन जालसाजी के आरोप में अमेरिकी जेल में सजा भुगत रहे हैं। उन्होंने प्रशासन से गुहार लगायी कि, उन्हें जेल से बाहर निकाल दिया जाए ताकि वो Covid-19 के बढ़ते इन्फेक्शन से लोगों को बचा सकें। गौरतलब है कि मार्टिन को “Pharma Bro” का तमगा तब हासिल हुआ था, जब उन्होंने कई दवाइयों के उत्पादन अधिकार खरीद कर दवाइयों के दामों में भारी इजाफा कर दिया था। जेल में सजा काटने के दौरान उन्होंने कई रिसर्च पेपर लिखने में सह-लेखक की भूमिका निभाई। ये रिसर्च पेपर मौजूदा दवाइयों के वायरस इन्फेक्शन पर पड़ने वाले असर से जुड़े हुए है। रिसर्च पेपर में मार्टिन के सहयोगी मुख्य लेखक ने ड्रग इंडस्ट्री में अपनी साख का हवाला देते हुए 3 महीने के लिए Martin Shkreli को रिहा करने की मांग की है। ताकि दोनों मिलकर कोरोना वायरस के खिलाफ कारगर दवाई बना सकें।
इस बीच मार्टिन ने कहा कि- मेडिसिनल केमिस्ट, स्ट्रक्चरल बायोलॉजिस्ट, एंजाइमोंलॉजिस्ट, और जीव विज्ञान शोध विभाग को तब तक काम करना चाहिए, जब तक कि इस वायरस की कोई काट नहीं मिल जाती है। मैं लंबे समय तक फार्मास्यूटिकल कंपनी का कार्यकारी अधिकारी रह चुका हूं। ऐसे में मुझे प्री-क्लिनिकल ट्रायल, मॉलिक्यूल कॉन्बिनेशन और डायग्नोस्टिक टेस्ट का खासा अनुभव है।
मार्टिन का नाम साल 2015 के दौरान सुर्खियों में आया था। जब उनकी कंपनी ट्यूरिंग फार्मास्यूटिकल ने एड्स के इलाज से जुड़ी दवा Daraprim को 5000 फ़ीसदी ज्यादा दामों पर मार्केट में बेचा था। फेडरल ट्रेड कमीशन ने इसी साल जनवरी में जीवन रक्षक दवाओं की बिक्री के एकाधिकार और दवा बाजार में स्वस्थ प्रतिस्पर्धा की छेड़छाड़ के आरोप में मार्टिन श्क्रेली को दोषी पाया है। जिसके चलते उन्हें न्यूयॉर्क की ब्रुकलिन फेडरल कोर्ट ने सजा सुनाई।
अब देखना यह दिलचस्प रहेगा कि, न्यूयॉर्क डिस्ट्रिक्ट एडमिनिस्ट्रेशन और ब्रुकलिन फेडरल कोर्ट मार्टिन की बातों का कितना एतबार करेंगे। या फिर मार्टिन का दावा खोखला है।