नई दिल्ली (समरजीत अधिकारी): दिल्ली सरकार ने अहम फैसला लेते हुए दीवाली के मौके पर पटाखों पर प्रतिबंध (Crackers Banned) लगा दिया। सीएम अरविंद केजरीवाल की अगुवाई में हुई उच्चस्तरीय बैठक (High level meeting) के दौरान ये फैसला लिया गया। मुख्यमंत्री के मुताबिक राजधानी में कोरोना के साथ प्रदूषण का स्तर बेतहाशा बढ़ गया है। महामारी के बीच प्रदूषण का बढ़ना आम जनता के स्वास्थ्य के लिए काफी नुकसानदायक साबित हो सकता है। इस मुद्दे पर अरविंद केजरीवाल ने ट्विटकर लिखा कि- दिल्ली के मुख्य सचिव, स्वास्थ्य अधिकारियों और सभी डिस्ट्रिक मजिस्ट्रेट के साथ राजधानी में कोरोना के हालातों और तैयारियों को लेकर समीक्षा बैठक की गयी। इस दौरान में कई अहम फैसले लिए गए हैं। जिसमें दिल्ली में पटाखे जलाने पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया गया है।
दिल्ली दिल वालों की है। पटाखों के बिना दीवाली कैसी? इस मुद्दे को लेकर टैंड्री न्यूज़ जमीनी पड़ताल करने लोगों के बीच पहुँचा। इस दौरान दिल्ली वालों ने इस मुद्दे पर अपनी बेबाक राय रखी। ज़्यादातर लोग सीएम केजरीवाल के इस फैसले के साथ खड़े दिखे। पराली से बढ़ते प्रदूषण और कोरोना संकट के दौरान दिल्ली सरकार का ये फैसला ज़्यादातर लोगों ने सही माना। कई राजधानी वासियों ने इस दौरान दिल्ली सरकार को अपनी निजी राय से भी रूबरू करवाया।
दूसरी ओर पटाखों के व्यापारी और स्टाकिस्ट दिल्ली सरकार के इस फैसले के खिलाफ खड़े है। ग्राउंड रिपोर्टिंग के दौरान टैंड्री न्यूज़ की टीम दरीबा कलां, जामा मस्जिद, सदर बाज़ार, कुतुब रोड और मुल्तानी ढांडा के कई पटाखा कारोबारियों से मिली। जो कि दिल्ली सरकार के काफी खफ़ा दिखे। उनके मुताबिक साल भर में इन्हीं दिनों में उनकी आमदनी होती है। कोरोना काल के दौरान दिल्ली सरकार का ये फैसला उनके लिए बड़ी आर्थिक मार की तरह है। 7 नवंबर से 30 नवंबर तक लगे इस प्रतिबंध में ग्रीन पटाखों (Ban on green firecrackers) पर भी बैन लगा है। जिसकी वज़ह से थोड़ी बहुत कारोबारी संभावना भी खत्म हो गयी है। दिल्ली सरकार का ये फैसला काफी हद तक राहत देने वाला है, लेकिन इस कदम को उठाने से पहले केजरीवाल सरकार को पटाखा व्यापारी और इस व्यवसाय में लगे दूसरे लोगों के बारे में कुछ वैकल्पिक इंतज़ाम करने चाहिए थे।