केंद्र सरकार ने बीते बुधवार (14 जुलाई 2021) को केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के लिये महंगाई भत्ता (डीए) और महंगाई राहत (डीआर) की मौजूदा दर को बढ़ाकर (DA Hike) 1 जुलाई, 2021 से 28% कर दिया। इस फैसले से लगभग 1.14 करोड़ केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनभोगियों को फायदा होगा। सरकार ने कोविड-19 महामारी के कारण 1 जनवरी 2020, 1 जुलाई, 2020 और 1 जनवरी, 2021 से देय पर ऐसी सभी तरह की बढ़ोतरी पर रोक लगा दी थी।
इस फैसले से सरकारी खाते पर लगभग 34,400 करोड़ रुपये का अतिरिक्त बोझ बढ़ेगा। इसका फायदा लगभग 48,34,000 केंद्र सरकार के कर्मचारियों और 65,26,000 पेंशनभोगियों (Pensioners) को मिलेगा। महंगाई भत्ते का भुगतान सरकार द्वारा अपने कर्मचारियों को किया जाता है और केंद्र सरकार के पेंशनभोगियों को महंगाई के कारण जीवन यापन की बढ़ती लागत की भरपाई के लिए महंगाई राहत देती है।
यहां से हुई DA की शुरूआत
दूसरे विश्व युद्ध के बाद महंगाई भत्ता देने का प्रावधान शुरू किया गया और तब इसे 'डियर फूड एलाउंस' के नाम से जाना जाता था। इसके साथ ही टैक्सटाइल एलाउंस की शुरूआत साल 1947 में की गयी। हालांकि साल 1953 में संशोधित किया गया और 'संशोधित वस्त्र भत्ता' के तौर पर फिर से पेश किया गया।
शुरुआत में कर्मचारियों की वेतन संशोधन की मांग के जवाब में डीए दिया गया। हालांकि बाद में इसे कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स (Consumer Price Index) से जोड़ दिया गया। पूर्व में केंद्र सरकार के कर्मचारियों को डीए के भुगतान के मुद्दे की देखरेख करने के लिये विभिन्न समितियों का गठन किया गया।
डीए कैलकुलेशन में वेतन आयोगों की भूमिका
भारत में लगातार आये कई वेतन आयोगों ने कई बिंदुओं को ध्यान रखते हुए सार्वजनिक क्षेत्र के कर्मचारियों के वेतन का पुनर्मूल्यांकन करने किया। आमतौर पर वेतन आयोगों से अपेक्षा की जाती रही कि वो मंहगाई भत्ते में संशोधन करता रहे।
वेतन आयोग की रिपोर्ट तैयार करने के लिये महंगाई भत्ते को ध्यान में रखा जाता है। वेतन आयोग उन सभी कारकों को ध्यान में रखता है जो सार्वजनिक क्षेत्र में कर्मियों के वेतन की गणना करते हैं। गुणन कारक की समीक्षा करना और बदलना भी वेतन आयोग के दायरे में आता है।
डीए बढ़ोतरी की बड़ी बातें
- डीए और डीआर दरों में 11 फीसदी की बढ़ोत्तरी की गयी है क्योंकि महामारी के हालातों के कारण तीन किस्तों को फ्रीज कर दिया गया था।
- महंगाई भत्ता वेतन का एक घटक है जो मुद्रास्फीति के केंद्रीय कर्मियों को राहत देता है। इसे साल में दो बार जनवरी और जुलाई में संशोधित किया जाता है।
- डीए और डीआर में बढ़ोतरी से राजकोष पर सालाना 34,400 करोड़ रुपये का बोझ पड़ेगा।
- इस वित्तीय वर्ष के लिए जुलाई से फरवरी तक सरकारी खजाने से 22,934.56 करोड़ रुपये खर्च होंगे।
- बढ़ा हुआ डीए जुलाई में बहाल कर दिया जाएगा, जिसका मतलब है कि सरकारी कर्मचारियों को इस महीने के वेतन में उनके मूल वेतन का 28% डीए मिलेगा।
- 1 जनवरी, 2020 से 30 जून 2021 की अवधि के लिये DA और DR की दर 17% रहेगी। इसका मतलब है कि केंद्र सरकार के कर्मचारियों को कोई बकाया नहीं मिलेगा क्योंकि उन्हें 17% की दर से डीए मिल रहा है।
- सरकार ने साफ कर दिया है कि 28 प्रतिशत की बढ़ोतरी जुलाई के वेतन पर प्रभावी होगी और जनवरी 2020 से जून 2021 की अवधि के लिए कोई बकाया नहीं होगा।