Amarnath Cloudburst: अमरनाथ में मौतों का आंकड़ा बढ़कर हुआ 15, चिनार कोर्प्स उतरी बचाव और राहत अभियान में

न्यूज डेस्क (शौर्य यादव): सेना ने आज (9 जुलाई 2022) जानकारी दी कि अमरनाथ की पवित्र गुफा (Holy Cave of Amaranth) के पास बादल फटने की घटना में 15 लोगों की मौत हो गयी है। भारतीय सेना (Indian Army) के अधिकारियों ने कहा कि, “अमरनाथ में बादल फटने की घटना में 15 लोगों की मौत हो गयी। बचाव अभियान जारी है। पैदल यात्रा को अस्थायी रूप से रोक दिया गया है।”

घटना में करीब 65 लोग घायल हुए हैं। भारतीय वायु सेना (Indian Air Force) के एमआई-17 हेलीकॉप्टरों ने अमरनाथ गुफा स्थल पर बचाव अभियान में शामिल होने के लिये श्रीनगर से उड़ान भरी है। वायुसेना के अधिकारियों ने बताया कि विमान सुबह से ही स्टैंडबाय पर था, लेकिन श्रीनगर और आसपास के इलाकों में खराब मौसम के कारण उड़ान नहीं भर सका।

भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (ITBP- Indo-Tibetan Border Police) ने आज (9 जुलाई 2022) जानकारी दी कि बीते शुक्रवार (8 जुलाई 2022) को पवित्र अमरनाथ मंदिर के पास बादल फटने की घटना के बाद अब तक लगभग 15,000 लोगों को सुरक्षित जगहों पर पहुँचाया गया है। आईटीबीपी ने अपने बयान में कहा कि, “कल शाम बाढ़ के कारण पवित्र गुफा क्षेत्र के पास फंसे ज़्यादातर यात्रियों को पंजतरणी में स्थानांतरित कर दिया गया है। आईटीबीपी ने पवित्र गुफा से पंजतरणी (Panjtarni) तक अपने रास्ते खोलने और सुरक्षा दलों को बढ़ाया है। आज तड़के 3.38 बजे तक राहत और बचाव अभियान जारी रहा। कोई भी यात्री ट्रैक पर नहीं बचा है। अब तक करीब 15,000 लोगों को सुरक्षित निकाल लिया गया है।”

सेना ने ये भी बताया कि राहत ऑपरेशन और बचाव मुहिम में खोजी कुत्तों का भी इस्तेमाल किया जा रहा है।

भारतीय सेना की चिनार कोर्प्स (Chinar Corps) ने ट्वीट कर बताया कि- दो वॉल राडार, दो एक्स सर्च और रेस्क्यू डॉग्स शरीफाबाद (Sharifabad) से हेलीकॉप्टर के जरिये सुबह 0710 बजे बचाव अभियान के लिये अमरनाथ की पवित्र गुफा की ओर रवाना हुए है। ऑप्रेशन के लिये भारतीय सेना ने हेल्पलाइन नंबर – 9149720998 जारी कर रही है।

अमरनाथ के पवित्र गुफा इलाके में बीते शुक्रवार को बादल फटने की घटना हुई, नतीज़न पवित्र गुफा से सटे ‘नाले’ में पानी का भारी बहाव हुआ। मौसम विभाग द्वारा जारी ताज़ा जानकारी के मुताबिक इलाके में बादल नहीं फटा है, बल्कि स्थानीय तौर पर जरूरत से ज़्यादा बारिश हुई, जिसके तेज बहाव की वज़ह से ये त्रासदी हुई।

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