नई दिल्ली (दिगान्त बरूआ): रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Defence Minister Rajnath Singh) ने बड़ा ऐलान करते हुए कहा कि- अब वक़्त आ गया है कि रक्षा मंत्रालय आत्मनिर्भर बनने की ओर कदम बढ़ाये। मंत्रालय ने उन 101 रक्षा उत्पादों की लिस्ट तैयार की है। जिनके इम्पोर्ट पर अब सीधी रोक लगेगी। इन्हें देश में ही बनाने और विकसित करने की दिशा में काम किया जायेगा। देश को रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता बनाने की दिशा में ये बड़ा कदम होगा। इस लिस्ट में ना सिर्फ पार्ट्स है बल्कि कई हथियारों से जुड़ी आला दर्जे की रक्षा तकनीकें भी शामिल है। इनमें LCH, रडार, सोनार सिस्टम्स, ट्रांसपोर्ट एयरक्रॉफ्ट, असॉल्ट राइफल, आर्टिलरी गन (Artillery gun) समेत कई दूसरे रक्षा उत्पादों को शामिल किया गया है।
रक्षामंत्री ने बताया कि- यह फैसला भारतीय रक्षा उद्योग (Indian defense industry) को खुद के डिजाइन और डेवलपमेंट कैपिसिटी का इस्तेमाल करके या फिर डीआरडीओ (DRDO) के माध्यम से विकसित तकनीकों को अपनाकर आर्म्ड फोर्सेस की जरूरतों को पूरा करने के लिए हथियारों बनाने का एक अहम मौका देगा। देश के अन्दर विभिन्न विस्फोटकों और उपकरणों के विनिर्माण के लिए इंडियन इंडस्ट्री की मौजूदा और भविष्य की क्षमताओं का आकलन करने के लिए सशस्त्र बलों, पब्लिक और प्राइवेट इंटरप्राइजेज समेत सभी स्टेक होल्डर्स के साथ कई दौर की बातचीत हुई, जिसके बाद रक्षा मंत्रालय ने इस लिस्ट को तैयार किया।
रक्षा मंत्रालय के प्रस्तावित इस रोडमैप पर विस्तारपूर्वक रक्षामंत्री ने बताया कि- ऐसे रक्षा उपकरणों की करीब 260 परियोजनाओं के लिए भारतीय सेना के तीनों बलों (Trio forces of indian army) ने अप्रैल 2015 से अगस्त 2020 के दौरान लगभग साढ़े तीन लाख करोड़ रुपये के रक्षा ठेके दिए थे। मोटे अनुमान के मुताबिक अगले 6 से 7 साल में घरेलू इंडस्ट्री को करीब 4 लाख करोड़ रुपये के डिफेंस कॉन्ट्रैक्ट (Defense contract) दिए जाएंगे।
मंत्रालय से मिल रही जानकारी के मुताबिक, डिफेंस इन्स्ट्रूमेंट के इम्पोर्ट लिए मिलते-जुलते भारतीय रक्षा उपकरण निर्माताओं और स्टैक होल्डर्स (Indian defense equipment manufacturers and stack holders) की पहचान डीएमए द्वारा की जायेगी। जरूरत पड़ने पर इसके ड्राफ्ट को बनाकर ये सुनिश्चित किया जायेगा कि, इम्पोर्ट से पहले देशीय कंपनियों में उत्पादन, गुणवत्ता और खरीद कितनी संभावनाओं है। इस विकल्प को पर्याप्त रूप से खंगाला जायेगा। मंत्रालय ने वित्तीय वर्ष 2020-21 के लिए निर्धारित बजट में भी बदलाव किया है। मौजूदा वित्त वर्ष में घरेलू पूंजीगत रक्षा उपकरण खरीद (Domestic capital For defense equipment purchase) के लिए 52,000 करोड़ रुपये के साथ एक अलग बजट का प्रावधान भी निर्धारित किया है।