नई दिल्ली (गौरांग यदुवंशी): केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ ने आज पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर बने सैन्य गतिरोध को लेकर चीन (China) को जमकर लताड़ा। साथ ही उन्होनें जिक्र किया कि एलएसी पर हालत अभी भी तनावपूर्ण बने हुए है। मिरर डिप्लॉयमेंट के कारण इलाके में सैन्य कोई कमी नहीं आयी है। राजनाथ सिंह के मुताबिक दोनों मुल्कों के बीच सैन्य वार्ता का दौर (Round of military talks) कभी भी शुरू हो सकता है। रक्षा मंत्री राजनाथ ने ये बातें एएनआई की संपादक स्मिता प्रकाश के साथ एक विशेष साक्षात्कार कार्यक्रम में साझा की।
बातचीत के दौरान उन्होनें चीन को सख़्त पैगाम देते हुए कहा कि- भारत चीन के विस्तारवादी रवैये का ज़वाब अच्छे से देना जानता है। हम बाहरी खतरों से निपटने में पूरी तरह सक्षम है। अगर कोई हमारी संप्रभुता और अक्षुण्णता (Sovereignty and integrity) के लिए खतरा बनेगा तो उसे बख्शा नहीं जायेगा। भारतीय सेना देश के गौरव पर आंच नहीं आने देगी। गलवान घाटी की झड़प के बाद जब मैनें पूर्वी लद्दाख का दौरा किया तो ज़वानों का मनोबल काफी ऊंचा था। इसकी जितनी तारीफ की जाये तो ये कम ही होगा।
पूर्वी लद्दाख में बने गतिरोध के मुद्दे पर, शांतिवार्ता को लेकर उन्होनें कहा- नई दिल्ली और बीजिंग डिप्लोमेट और मिलिट्री लेवल पर सलाह मशवरा बनाने के लिए रज़ामंद हुए है। दोनों ही पक्ष सीनियर मिलिट्री कमांडरों की बैठक में शामिल होगें। जिसमें मौजूदा हालातों पर द्विपक्षीय समझौतों और प्रोटोकॉल्स (Bilateral Agreements and Protocols) के तहत वाज़िब कदम उठाया जायेगा। जिससे शंति बहाली के प्रयासों को मजबूती मिलेगी। हमारा फोकस है जो हमें छेड़ेगा हम उसे छोड़ेंगे नहीं।
राष्ट्रीय सुरक्षा के मामले पर उन्होनें कहा कि, सत्ता संभालते ही मोदी सरकार की प्राथमिकता सूची में राष्ट्रीय सुरक्षा सबसे ऊपर रही है। इसी के चलते सैन्य बलों को नये उपकरण और साज़ो सामान से लैस किया जा रहा है। आंतकियों को करारा देने के साथ ही हमारे जवानों ने साबित कर दिया है कि जरूरत पड़ने पर सीमा पर भी कार्रवाई की जा सकती है। ये बदलते भारत की क्षमताओं को दिखाता है।
चीन से लगी भारतीय सीमाओं की आधारिक संरचनाओं के विकास पर उन्होनें कहा कि- हम तेजी से सीमावर्ती इलाकों के इंफ्रास्ट्रक्चरल डेवलपमेंट (Infrastructure development) में लगे हुए है। इससे सीमाई इलाकों में रहने वाले लोगों और तैनात सुरक्षाबलों को खासा मदद मिलेगी। हम किसी भी देश पर हमलावर होने के लिए ये कवायद नहीं कर रहे। इसके साथ ही रक्षामंत्री ने किसान आंदोलन, राहुल गांधी, एमएसपी, जम्मू कश्मीर हुए डीडीसी चुनाव, पीएम मोदी के खिलाफ नारेबाज़ी, कनाडाई पीएम जस्टिन ट्रूडो के बयान और ज़बरन धर्मान्तरण पर भी अपनी बेबाक राय रखी।