न्यूज डेस्क (दिगान्त बरूआ): स्टॉकहोम के डिफेंस थिंक-टैंक SIPRI की ओर से हाल ही में जारी एक रिपोर्ट के मुताबिक, भारत दुनिया का टॉप आर्म्स इम्पोर्टर है, लेकिन साल 2013-17 और 2018-22 के बीच इसके इम्पोर्ट में 11 फीसदी की गिरावट आयी है। रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि ये गिरावट जटिल खरीद प्रक्रिया, हथियार सप्लायर में विविधता लाने की कवायदों और इम्पोर्ट को लोकल डिजाइनों से बदलने के प्रयासों से जुड़ी थी।
स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट (SIPRI- Stockholm International Peace Research Institute) ने कहा कि- साल 2018-22 के दौरान दुनिया के पांच सबसे बड़े आर्म्स इम्पोर्टरों में भारत, सऊदी अरब, कतर, ऑस्ट्रेलिया और चीन (Australia and China) थे।
पांच सबसे बड़े हथियार एक्सपोर्ट्स में संयुक्त राज्य अमेरिका, रूस, फ्रांस, चीन और जर्मनी शामिल थे। रिपोर्ट में कहा गया है कि 2018-22 के दौरान दुनिया के आठवें सबसे बड़े आर्म्स इम्पोर्टर पाकिस्तान (Pakistan) के आयात में 14 फीसदी का इज़ाफा हुआ, जिसमें चीन इस्लामाबाद (Islamabad) का मुख्य आपूर्तिकर्ता था।
इस क्रम में आगे कहा गया कि- साल 2013-17 और 2018-22 के बीच फ्रांस के हथियारों के निर्यात में 44 फीसदी की बढ़ोत्तरी हुई और इनमें से ज्यादा एक्सपोर्ट एशिया, ओशिनिया और मध्य पूर्व के मुल्कों को हुआ। रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत को साल 2018-22 के दौरान फ्रांस (France) से हथियारों के निर्यात का 30 फीसदी हासिल हुआ और फ्रांस ने रूस (Russia) के बाद भारत को हथियारों के दूसरे सबसे बड़े सप्लायर के तौर पर अमेरिका को काफी पीछे छोड़ दिया।
मामले पर एसआईपीआरआई आर्म्स ट्रांसफर प्रोग्राम के वरिष्ठ शोधकर्ता पीटर डी वेजेमैन (Peter de Wegemann) ने कहा कि, “रूसी हथियारों के एक्सपोर्ट में गिरावट की वज़ह से फ्रांस वैश्विक हथियार बाजार का बड़ा हिस्सा हासिल कर रहा है, जैसा कि मिसाल के लिये भारत में देखा गया है। हालांकि हथियारों के ट्रांसफर में विश्व स्तर पर गिरावट आयी है, रूस और ज्यादातर अन्य यूरोपीय देशों के बीच तनाव की वज़ह से यूरोप (Europe) में हथियारों के एक्सपोर्ट में कमी आयी है।”
पीटर डी वेजेमैन ने आगे कहा कहा कि, “यूक्रेन पर रूस के हमले के बाद यूरोपीय देश ज्यादा से ज्यादा हथियार इम्पोर्ट करना चाहते हैं। रणनीतिक प्रतिस्पर्धा कहीं और भी जारी है: पूर्वी एशिया (East Asia) में हथियारों का आयात बढ़ा है और मध्य पूर्व में ये उच्च स्तर पर बना हुआ है।”
बता दे कि रिपोर्ट में दो पंचवर्षीय अवधियों की तुलना की गयी और जिसमें सामने आया कि भारत को रूसी हथियारों की आपूर्ति घट रही है। इसी के मद्देनज़र तथ्य सामने आया कि वैश्विक हथियारों के निर्यात में संयुक्त राज्य अमेरिका की हिस्सेदारी 33 से बढ़कर 40 प्रतिशत हो गयी, जबकि रूस की हिस्सेदारी 22 से घटकर 16 प्रतिशत हो गयी है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि साल 2018-22 के दौरान टॉप 10 इम्पोर्टरों में तीन मध्य पूर्व – सऊदी अरब, कतर और मिस्र (Egypt) शामिल थे। सऊदी अरब (Saudi Arab) 2018-22 के दौरान दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा हथियार इम्पोर्टर था और इस अवधि में सभी हथियारों के आयात का उसे 9.6 फीसदी हासिल हुआ। 2013-17 और 2018-22 के बीच कतर (Qatar) के हथियारों के आयात में 311 फीसदी का इज़ाफा हुआ, जिससे यै 2018-22 के दौरान दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा हथियार आयातक बन गया।