न्यूज़ डेस्क (गौरांग यदुवंशी): दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के कार्यालय ने देश में मौजूदा कोविड -19 स्थिति पर पीएम और 10 राज्यों के मुख्यमंत्रियों की निजी बातचीत का प्रसारण करने के लिए खेद व्यक्त किया है। मुख्यमंत्री कार्यालय (सीएमओ) ने अपने बयान में कहा कि केंद्र सरकार की ओर से ऐसा कोई निर्देश नहीं था कि बातचीत मीडिया के साथ साझा नहीं की जा सकती। केंद्र सरकार की ओर से ऐसा कोई निर्देश, लिखित या मौखिक आदेश जारी नहीं किया गया था कि इस बातचीत को सार्वजनिक नहीं किया जा सकता है। इसलिए इस इंटरैक्शन को लाइव साझा किया गया। समान बातचीत के कई मौके आये। जहां सार्वजनिक महत्व के मामले नहीं थे। जारी किये गये लाइव में किसी तरह की गोपनीय जानकारी (confidential information) साझा नहीं की गयी। हालांकि अगर कोई असुविधा हुई तो हमें इस बात का बेहद अफसोस है।
इससे पहले आज नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में बैठक के दौरान केजरीवाल ने केन्द्र सरकार को चेताते हुए कहा कि, COVID-19 महामारी की दूसरी लहर के दौरान अस्पतालों में ऑक्सीजन की कमी बड़ी त्रासदी की वज़ह बन सकती है। केन्द्र सरकार को चाहिये की सभी ऑक्सीजन संयंत्रों का नियंत्रण सेना को सौंप दिया जाये। केंद्र सरकार को सेना के माध्यम से सभी ऑक्सीजन संयंत्रों को संभालना चाहिये और ऑक्सीजन संयंत्र से निकलने वाले प्रत्येक ऑक्सीजन टैंकरों को सेना के एस्कॉर्ट वाहन (Army escort vehicle) सुरक्षा मुहैया करवाये।
कुछ देर बाद इस गोपनीय बैठक का लाइव साझा करने के मसले पर केन्द्र सरकार ने आपत्ति दर्ज करवाते हुए कहा कि केजरीवाल ने कोविड -19 पर प्रधानमंत्री-मुख्यमंत्रियों के बीच हुई गोपनीय बैठक का इस्तेमाल राजनीतिक मंच के तौर पर किया। समाचार एजेंसी एएनआई को सरकारी सूत्रों ने कहा कि, केजरीवाल ये अच्छे से जानते है कि केंद्र एक भी वैक्सीन की खुराक अपने पास नहीं रखता है बल्कि उसे राज्यों के साथ साझा करता है। ये जानने के बावजूद उन्होंने वैक्सीन की कीमतों पर झूठ फैलाने का रास्ता चुना। उन्होनें ऑक्सीज़न की एक्सप्रेस डिलीवरी के लिये एयरलिफ्टिंग का मुद्दा उठाया, लेकिन ये नहीं जानते थे कि यह पहले से ही किया जा रहा है।
आगे सरकारी सूत्र ने कहा कि केजरीवाल गिरे हुए स्तर पर आ गये हैं, पहली बार पीएम और सीएम के बीच निजी बातचीत का टेलीकास्ट किया गया। उनका पूरा भाषण किसी समाधान के लिए नहीं बल्कि राजनीति खेलने और जिम्मेदारी से बचने के लिये था।
गौरतलब है कि आज (23 अप्रैल 2021) पीएम मोदी ने कोरोना संक्रमण से जूझ रहे टॉप टेन राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये बैठक की थी। देश में कोरोनो वायरस मामलों में भारी उछाल आया है। अब रोजाना 3 लाख से ज़्यादा कोरोना इंफेक्शन के मामले सामने आ रहे है। इस बैठक में महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, केरल, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश और दिल्ली के मुख्यमंत्री शामिल थे। बैठक के दौरान कुछ राज्यों द्वारा ऑक्सीजन की कमी का मुद्दा उठाया गया। जिस पर पीएम मोदी ने आश्वासन दिया कि, वो जल्द ही देश के अग्रणी ऑक्सीजन निर्माताओं के साथ बैठक करेंगे।