नई दिल्ली (निकुंजा वत्स): Delhi Excise Policy: दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने जमानत के लिये सुप्रीम कोर्ट का रुख किया। केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने नये आबकारी नीति घोटाले में कथित भूमिका के लिये इस हफ्ते की शुरुआत में उपमुख्यमंत्री को गिरफ्तार किया था।
बीते रविवार (26 फरवरी 2023) को पूछताछ के लिये बुलाये जाने के बाद सीबीआई ने सिसोदिया को भ्रष्टाचार के मामले में उनका कथित तौर पर हाथ होने के लिये उनको गिरफ्तार किया। कार्रवाई के खिलाफ आम आदमी पार्टी ने सोमवार (28 फरवरी 2023) को राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में विरोध प्रदर्शन किया। दिल्ली पुलिस (Delhi Police) ने सांसद संजय सिंह और गोपाल राय (MP Sanjay Singh and Gopal Rai) समेत करीब 50 लोगों को हिरासत में लिया।
आप ने सोमवार को दावा किया कि रविवार को सिसोदिया की गिरफ्तारी के बाद पार्टी के लगभग 80 प्रतिशत नेतृत्व को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। आप प्रवक्ता सौरभ भारद्वाज (AAP spokesperson Saurabh Bhardwaj) ने कहा कि दिल्ली की स्थिति 1975 में दिवंगत प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी (Indira Gandhi) की ओर से लगाये गये आपातकाल की तरह है।
भारद्वाज ने कहा कि- “मौजूदा कार्रवाई को देखकर लगता है कि देश में अघोषित तौर पर आपातकाल लगा हुआ है। केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार वही कर रही है जो पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने 1975 में आपातकाल लागू करते समय किया था। ये बहुत खतरनाक संकेत हैं। ये आपातकाल के संकेत हैं। आपने सभी नेताओं को बिना किसी वज़ह के सलाखों के पीछे डाल दिया है और ये सरासर गलत है। मोदी सरकार को जवाब देना चाहिए कि उसने हमारे शीर्ष नेतृत्व को किस बुनियाद पर गिरफ्तार किया और उन्हें सलाखों के पीछे डाल दिया।”
उन्होंने सोमवार को हैरानी जतायी कि ऐसा कौन सा नया घटनाक्रम हो गया है, जिसके चलते मनीष सिसोदिया को गिरफ्तार किया गया। उनके खिलाफ शिकायत पिछले साल दर्ज की गयी थी। सौरभ भारद्वाज ने दिल्ली एल-जी वीके सक्सेना (VK Saxena) ने सिसोदिया और कई अन्य लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने की सिफारिश की थी। जिसमें आरोप लगाया गया था कि नयी आबकारी नीति में विसंगतियां हैं जो पिछले साल लागू हुई थीं। कार्रवाई के बाद आप सरकार ने नीति वापस ले ली।
उन्होंने दावा किया था कि, “आज (27 फरवरी 2023) मैंने ये समझने के लिये सभी अखबारों को पढ़ा कि क्या उनके (सिसोदिया) खिलाफ कुछ नया पाया गया है। ये वही बासी कहानी थी जो सीबीआई पिछले साल मई से सुना रही है। उन्होंने हैरानी जताते हुए कहा कि मनीष सिसोदिया देश से भाग रहे हैं या वो किसी सबूत पर असर डाल रहे हैं? पिछले आठ महीनों में उनके पास कई मौके थे और वो ऐसा कर सकते थे लेकिन जबकि उन्होंने ऐसा नहीं किया तो अब क्यों करेंगे।’ सीबीआई ने पिछले साल उनके ठिकानों पर छापेमारी की थी। हालांकि उन्होंने कथित तौर पर कुछ भी गलत नहीं पाया।”
अपनी कथित पूछताछ से पहले मनीष सिसोदिया ने भविष्यवाणी की थी कि उन्हें कई महीनों तक गिरफ्तारी में रखा जायेगा।