एजेंसियां/न्यूज डेस्क (ओंकारनाथ द्विवेदी): प्रवर्तन निदेशालय (ED) दिल्ली आबकारी नीति 2021-22 मनी लॉन्ड्रिंग मामले में चल रही जांच के सिलसिले में दिल्ली के पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया से तिहाड़ जेल में पूछताछ कर रहा है। इससे पहले बीते मंगलवार (2 मार्च 2023) को ईडी ने सिसोदिया से पूछताछ की और उनका बयान दर्ज किया। जांच एजेंसी ने मामले में एक नयी गिरफ्तारी भी की है क्योंकि इस मामले में हैदराबाद के कारोबारी अरुण रामचंद्र पिल्लई को भी हिरासत में लिया।
ईडी ने आज (9 मार्च 2023) भारतीय राष्ट्रीय समिति (BRS) एमएलसी और तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव (Telangana Chief Minister K Chandrasekhar Rao) की बेटी के कविता को पूछताछ के लिए बुलाया है। कविता से सीबीआई (CBI) ने पिछले साल दिसंबर में पूछताछ की थी। सिसोदिया को 26 फरवरी को राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली (जीएनसीटीडी) की आबकारी नीति को बनाने और उसे लागू करने में कथित तौर अनियमितताओं बरतने के मामले में चल रही जांच में गिरफ्तार किया गया था। फिलहाल दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट (Rouse Avenue Court) ने उन्हें 20 मार्च तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया है।
ईडी ने पिछले साल मामले में अपनी पहली चार्जशीट दाखिल की थी। एजेंसी ने कहा कि दिल्ली के उपराज्यपाल (Lieutenant Governor of Delhi) की सिफारिश पर दर्ज सीबीआई के इस मामले का संज्ञान लेने के बाद एफआईआर दर्ज करने के बाद अब तक वो इस मामले में करीब 200 तलाशी अभियान चला चुकी है।
मामले पर दिल्ली सरकार (Delhi Government) के एक अधिकारी ने नाम ना बताने की शर्त पर बताया कि- जुलाई में दायर दिल्ली के मुख्य सचिव की रिपोर्ट के नतीज़ों पर सीबीआई जांच की सिफारिश की गयी थी, जिसमें प्रथम दृष्टया जीएनसीटीडी अधिनियम 1991 व्यापार नियम (टीओबीआर) -1993, दिल्ली उत्पाद शुल्क अधिनियम -2009 और दिल्ली उत्पाद शुल्क नियम -2010 का उल्लंघन पाया गया था। ।
बीते अक्टूबर में ईडी ने मामले में दिल्ली के जोर बाग (Jor Bagh) स्थित शराब वितरक इंडोस्पिरिट ग्रुप (Indospirit Group) के प्रबंध निदेशक समीर महेंद्रू (Sameer Mahendru) गिरफ्तारी की और बाद में उन्हें गिरफ्तार करने के बाद दिल्ली और पंजाब (Delhi and Punjab) में लगभग तीन दर्जन ठिकानों पर छापेमारी की गयी थी।
सीबीआई ने भी इस हफ्ते की शुरुआत में इस मामले में अपना पहला आरोपपत्र दाखिल किया। ईडी और सीबीआई ने आरोप लगाया था कि आबकारी नीति (Excise Policy) को संशोधित करते समय अनियमितता बरती गयी थी, लाइसेंस धारकों को गलत तरीके से मुनाफा पहुँचाया गया, लाइसेंस शुल्क माफ या कम किया गया था, साथ ही सक्षम प्राधिकारी की मंजूरी के बिना एल-1 लाइसेंस की अवधि को बढ़ाया गया था। आरोपी लाभार्थियों गलत तरीके से मुनाफा कमाया और ये बात छिपाने के लिये अपने खातों में गलत एन्ट्रियां दर्ज की।
आरोपों के मुताबिक आबकारी विभाग ने निर्धारित नियमों के विरुद्ध सफल निविदाकर्ता को लगभग 30 करोड़ रुपये की बयाना जमा रकम वापस करने का फैसला लिया। भले ही इसके लिये कोई सक्षम प्रावधान नहीं था, COVID-19 के कारण 28 दिसंबर 2021 से 27 जनवरी 2022 तक निविदा लाइसेंस शुल्क पर छूट की मंजूरी दी गयी थी। इससे सरकारी खजाने को कथित तौर पर 144.36 करोड़ रुपये का भारी नुकसान हुआ, जिसे दिल्ली के लेफ्टिनेंट-गवर्नर विनय कुमार सक्सेना (Lieutenant-Governor Vinay Kumar Saxena) की सिफारिश के बाद केंद्रीय गृह मंत्रालय (Union Home Ministry) के संज्ञान में लाया गया।