नई दिल्ली (दिगान्त बरूआ): आज उपराज्यपाल अनिल बैजल के अभिभाषण के साथ दिल्ली के बजट सत्र (Delhi Govt. Budget 2021-22) की शुरुआत हुई। इस दौरान उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने आर्थिक समीक्षा करते हुए सिलसिलेवार तरीके से बजट आउटकम भी सदन के सामने पेश किया। सत्र की शुरुआत चमोली हादसे में मारे गये लोगों और किसान आंदोलन में जान गंवाने वाले किसानों की याद में मौन रखकर की गयी।
इस दौरान सदन को संबोधित करते हुए उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि, दिल्ली सरकार पूरे देश की इकलौती ऐसी सरकार है जो केवल साल का बजट ही पेश नहीं करती बल्कि पिछले साल के बजट की आउटकम रिपोर्ट (Outcome Report) भी देती है। बजट से किसी योजना में पैसे खर्च करने से काम नहीं चलेगा, उस योजना से कितने लोगों को लाभ मिला, ये रिपोर्ट भी ‘आप’ की सरकार देती है। इस दौरान उन्होनें दावा किया कि पिछले 6 सालों में दिल्ली की जीडीपी में 45 फीसदी का इज़ाफा हुआ है। साल 2015-16 में ये 5,50,804 करोड़ रूपये थी, अब वित्तीय वर्ष 2020-21 में ये 7,98,310 करोड़ रूपये हो गयी है।
इस क्रम में उप मुख्यमंत्री में और कई आंकड़ो का हवाला देते हुए बताया कि दिल्ली की प्रति व्यक्ति आय राष्ट्रीय औसत से लगभग 3 गुना है। दिल्ली में प्रतिव्यक्ति आय 3,54,004 रूपये है, जबकि राष्ट्रीय प्रति व्यक्ति आय 1,27,768 है। साल 2019-20 में महिला यात्रियों को डीटीसी और कलस्टर बसों ने मिलकर 19.30 करोड़ रूपये का मुफ़्त सफर करवाया। जीएसडीपी अनुपात में दिल्ली की उधारी रकम काफी घट गयी है। बिजली, स्वास्थ्य सेवा, शिक्षा, बस की सवारी जैसी सभी आवश्यकत सुविधायें मुफ्त में देने के बावजूद दिल्ली ने लगातार अपने रेवन्यू को सरप्लस (Revenue surplus) बनाये रखा।
इसके साथ ही रोजगार, समावेशी विकास, रियल स्टेट, श्रमिक कल्याण, प्रदूषण रोकथाम, सार्वजनिक परिवहन के क्षेत्र में दिल्ली सरकार की बेहतरीन उपलब्धियों को भी सदन के सामने रखा गया। उपमुख्यमंत्री ने सदन को अवगत कराया कि दिल्ली में रियल एस्टेट सेक्टर को बढ़ावा देने के लिए सर्किल रेट में 20 फ़ीसदी की कमी की गई है, ताकि आम आदमी पर कम वित्तीय दबाव पड़े। साथ ही कारोबार को बढ़ावा देने के लिए नांगली सकरावती कर्मिशियल कलस्टर किये जा रहे विकास परियोजना के बारे में भी बताया गया।
राजधानी दिल्ली में मजदूरों के कल्याण के लिए लागू किए गए 44 श्रम कानूनों और न्यूनतम वेतन को डिप्टी सीएम ने देश के अन्य राज्यों की तुलना में कहीं ज़्यादा बताया। साथ ही दिल्ली के झुग्गी झोपड़ी वाले इलाकों में दिल्ली शहरी आश्रय सुधार बोर्ड द्वारा मल्टीस्टोरी बिल्डिंग का निर्माण करवाकर उनके आवंटन की कवायदों के बारे में भी सदन को अवगत कराया।