Delhi Govt. ने छेड़ी Red light on Gaadi off की मुहिम

न्यूज़ डेस्क (दिगान्त बरूआ): राजधानी में बढ़ते प्रदूषण के मद्देनज़र Delhi Govt. ने Red light on Gaadi off की मुहिम छेड़ रखी है। इस अभियान की शुरूआत बीते बुधवार से दिल्ली की सड़कों पर कर दी गयी है। दिल्ली सरकार वाहनों चालकों को रेड लाइट होने पर गाड़ी बंद करने के लिए प्रेरित करेगी। पराली से होने प्रदूषण और पटाखों के धुंये से होने वाले संभावित खतरे से निपटने के लिए इस मुहिम को आने वाले 15 नवंबर तक सुबह 8 बजे से शाम 8 बजे तक चलाये जायेगा। जिसके लिए दिल्ली सरकार ने राजधानी 100 मुख्य चौराहों पर 2500 पर्यावरण मार्शल की तैनाती कर दी है। भीड़ भरे सौ चौराहों का चयन दिल्ली ट्रैफिक पुलिस (Delhi Traffic Police) की सिफारिश पर किया गया है।

इसे कामयाब करने के लिए रेड लाइट पर सिविल डिफेंस वॉलंटियर्स (Civil defence volunteers) वाहनों चालकों को गुलाब का फूल देकर उनसे गाड़ी ऑफ करने की गुजारिश करते दिखे। गांधीगिरी के इस तरीके से कार्बन उत्सर्जन में कुछ कमी लाने की पहल को काफी लोग खासा पसन्द कर रहे है। बढ़ते वायु प्रदूषण (air pollution) के खिलाफ लोगों को जागरूक करने और उनकी जिम्मेदारियों का अहसास कराने के लिए राजधानी में जगह-जगह बड़े बड़े पोस्टर्स और बैनर्स का सहारा भी लिया जा रहा है।

दूसरी ओर दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय (Delhi Environment Minister Gopal Rai) साफ कर चुके है कि, इस पूरी मुहिम के दौरान किसी भी वाहन चालक का चालान नहीं काटा जायेगा। इस अभियान को कामयाब करने के लिए चुने गये चौराहों पर दो शिफ्ट में 10-10 पर्यावरण मॉर्शलों की तैनाती की गयी है। पर्यावरण मॉर्शलों के काम की देखरेख लोकल एसडीएम, ट्रैफिक पुलिस के एसीपी और परिवहन विभाग के डीसी करेगें। मुहिम को कामयाब करने के लिए दिल्ली सरकार की ओर से एमपी, विधायकों, काउंसिलर्स, पॉलिटिकल पार्टियों, रेजिडेंटस वेलफेयर एसोशिएशनशंस (Resident’s welfare associations), एनजीओ और अन्य कई सामाजिक एवं औद्योगिक संगठनों को खत लिखा गया है। दिल्ली सरकार को उम्मीद है कि इस मुहिम को कामयाब बनाकर वो देशभर में एक नया उदाहरण पेश करेगी।

फिलहाल दिल्ली के कई चौराहों पर जब ट्रैंडी न्यूज ने इस मुहिम का जायज़ा लिया तो पाया कि, लोगों की इस पर काफी मिलीजुली प्रतिक्रिया आ रही है। कई जगहों पर पर्यावरण मार्शलों के अनुरोध करने पर भी लोग इंजन नहीं बंद कर रहे थे। ज़्यादातर का मानना था कि अगर रास्ते भर 10 रेडलाइट मिले और सभी पर हम गाड़ी बंद करते रहे तो तेल खपत और भी ज़्यादा होगी। इससे गाड़ी के सेल्फ और बैट्री पर काफी दबाव पड़ेगा। साथ ही जिस ईंधन की खपत 4 दिनों में होती है, वो मात्र दो ही दिन में हो जायेगी।

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