न्यूज़ डेस्क (नई दिल्ली): दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) ने सोमवार को कहा कि COVID-19 रोगियों के इलाज में मदद के लिए राष्ट्रीय राजधानी में एक ‘प्लाज्मा बैंक (Plasma Bank)’ स्थापित किया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्लाज्मा बैंक ’की स्थापना दिल्ली में लिवर और पित्त विज्ञान संस्थान में की जाएगी। जिस किसी को भी प्लाज्मा की जरूरत है, उसे डॉक्टर से सिफारिश की जरूरत होगी।
मीडिया को जानकारी देते हुए केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली देश के ऐसा पहला राज्य में जहाँ “प्लाज्मा थेरेपी का परीक्षण किया गया। हमने 29 लोगों पर परीक्षण किया और परिणाम बहुत अच्छे थे। दो चीजें कोरोना में होती हैं, एक ऑक्सीजन स्तर गिरता है और दूसरी श्वसन स्तर बढ़ता है। जिन कोरोना मरीजों का इलाज़ प्लाज्मा थेरेपी द्वारा किया गया है उनमें यह देखा गया कि यदि प्लाज्मा दिया जाता है तो यह ऑक्सीजन का स्तर बढ़ जाता है और श्वसन स्तर भी कम हो जाता है।”
केजरीवाल के कहा कि केंद्र सरकार ने दिल्ली सरकार और निजी अस्पतालों में प्लाज्मा थेरेपी की अनुमति दी है।
कौन प्लाज्मा (Plasma) दे सकता है?
जो लोग कोरोना से ठीक हो जाते हैं, वे प्लाज्मा दे सकते हैं। उनके रक्त में एंटी-बॉडी होती है जो कोरोना से बचाता है। इसलिए यदि प्लाज्मा इन लोगों से कोरोना रोगियों को दिया जाता है, तो ऐसे रोगी ठीक हो जाते हैं। इसलिए दिल्ली सरकार ने राष्ट्रीय राजधानी में प्लाज्मा बैंक बनाने के लिए फैसला किया है। दिल्ली के मुख्यमंत्री ने कहा कि यह देश का पहला प्लाज्मा बैंक होगा।
मुख्यमंत्री केजरीवाल ने कहा कि “प्लाज्मा बैंक (Plasma Bank) ILBS अस्पताल में बनाया जाएगा। प्लाज्मा, डॉक्टर के पर्चे पर उपलब्ध होगा, इसलिए डॉक्टर की सिफारिश आवश्यक है। यह दो दिनों में शुरू हो जाएगा। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि जो कोरोनोवायरस से ठीक हो गए हैं उन्हें आगे आना होगा।” प्लाज्मा दान करें। लोग अभी भी कर रहे हैं, लेकिन अब इसके लिए एक प्रणाली बनाई जाएगी। “तो मैं उन लोगों से अनुरोध करता हूं जो कोरोना से ठीक हो गये हैं, कि वो प्लाज्मा दान करे ताकि दूसरों को बचाया जा सके।”