न्यूज डेस्क (शौर्य यादव): दिल्ली, हरियाणा, राजस्थान और उत्तर प्रदेश की सरकारों ने कॉन्ट्रैक्ट कैरिज और स्टेज कैरिज (Contract Carriage and Stage Carriage) दोनों को कवर करते हुए संयुक्त पारस्परिक आम परिवहन समझौते (CRCTA) पर हस्ताक्षर किये क्योंकि इसकी वैलिडिटी जल्द ही खत्म होने वाली है। एनसीआरपीबी के सदस्य सचिव की पहल पर और एनसीआर में हिस्सा लेने वाले राज्यों की सहमति से एनसीआरपीबी ने एक साथ संशोधित समझौते पर काम किया। इसके बारे में जानकारी आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय द्वारा सार्वजनिक की गयी।
राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (National Capital Region-NCR) के लिये क्षेत्रीय योजना-2021 के नीति प्रस्तावों में से एनसीआर के भीतर बसों, टैक्सियों और ऑटो-रिक्शा की अप्रतिबंधित आवाजाही है। आम जनता को दिल्ली और बाकी एनसीआर के बीच निर्बाध रूप से आवागमन की सुविधा के लिये इस नीति का कार्यान्वयन बेहद अहम है।
अब जैसा कि एनसीआर राज्यों ने अपने-अपने राज्यों से संबंधित परिवहन आयुक्तों (Transport Commissioners) और सचिवों के प्रयासों से मोटर वाहन अधिनियम 1988 के तहत आवश्यक आवश्यक कार्रवाई (5) और (6) को पूरा कर लिया है। साथ ही संयुक्त आरसीटीए (joint RCTA) को नोटिफाई किया। एनसीआर योजना बोर्ड आखिर अनुबंध कैरिज और स्टेज कैरिज दोनों को कवर करते हुए संयुक्त पारस्परिक सामान्य परिवहन समझौते (सीआरसीटीए) जारी करते हुए काफी खुश है।
इस समझौते के तहत एनसीआर में पंजीकृत मोटर कैब/टैक्सी/ऑटो रिक्शा के लिये परमिट/लाइसेंस पर प्रतिहस्ताक्षर करने का प्रावधान है। साथ ही इसमें राज्यों के बीच सार्वजनिक परिवहन वाले के लिये अंतर-शहरी आवागमन हेतु बड़े पैमाने पर सिंगल प्वाइंट टैक्सेशन (Single Point Taxation), यातायात की भीड़ को कम करने और वायु प्रदूषण को कम करने के लिये स्वच्छ भारत सरकार के अनुसार उत्सर्जन मानदंड, विद्युत मंत्रालय (एमओपी) और सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय के दिशा-निर्देशों मुताबिक एग्रीगेटर्स और ई-वाहनों के लिये प्रावधान निर्धारित किये गये।