न्यूज़ डेस्क (जयंती संघमित्रा): दिल्ली में इंफेक्शन काफी तेजी से पांव पसार रहा है। पिछले कुछ दिनों से राजधानी में तकरीबन रोज ही हजार मामले सामने आ रहे हैं। हालातों की समीक्षा करने के लिए उपराज्यपाल अनिल बैजल (Anij Baijal) की अगुवाई में राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की बैठक हुई। दिल्ली सरकार की ओर से बैठक में उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया (Manish Sisodia) और स्वास्थ्य मंत्री अनिल जैन (Anil Jain) ने शिरकत की। बैठक का मुख्य एजेंडा दिल्ली में सामुदायिक संक्रमण के मद्देनजर स्थिति का मूल्यांकन करना था। इस दौरान दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने एम्स के निदेशक रणदीप गुलेरिया के इस बयान का हवाला दिया, उन्होंने कहा था कि, इन्फेक्शन अब सामुदायिक स्तर पर फैल रहा है।
सत्येंद्र जैन ने मोदी सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि केंद्र हमारी सुन नहीं रहा है। सत्येंद्र जैन के मुताबिक- जब तक केंद्र सरकार सामुदायिक संक्रमण की घोषणा नहीं कर देती, तब तक देश में कम्युनिटी स्प्रेड (community spread) नहीं माना जाएगा। संक्रमण के इस अवस्था में इंफेक्शन सोर्स का पता नहीं चलता। दिल्ली सरकार की ओर से ये मुद्दा राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की बैठक में उपराज्यपाल के समक्ष उठाया गया।
दूसरी ओर दिल्ली के उपमुख्यमंत्री दबी हुई जबान में कुछ ऐसा ही दावा करते हुए नजर आए, उन्होंने कहा- मौजूदा हालातों को देखते हुए 31 जुलाई तक राजधानी में संभावित तौर पर 5 लाख संक्रमण के मामले होंगे, जिसके लिए हमें तकरीबन 80 हजार बेड्स की जरूरत पड़ेगी। अगर पूरे देश से कोरोना मरीज दिल्ली में इलाज करवाने आए तो शायद ये भी तब कम पड़ जाए।
यानी कहीं ना कहीं दिल्ली सरकार ने ये मान लिया है कि, राजधानी में सामुदायिक संक्रमण फैल चुका है, जिसे मानने के लिए केंद्र सरकार तैयार नहीं है। अगर केंद्र सरकार कम्युनिटी स्प्रेड की घोषणा करती है तो, इंफेक्शन के खिलाफ छिड़ी मुहिम में प्रभावी बदलाव जरूर होगा।
केंद्र और केजरीवाल सरकार के बीच रार बहुत पुरानी है लेकिन मौजूदा समय में इस रार के कारण बेशक किसी पार्टी का नुकसान न हो लेकिन दिल्ली की जनता का नुकसान होना तय है।