नई दिल्ली (गौरांग यदुवंशी): दिल्ली उच्च न्यायालय ने आज (4 अगस्त 2023) उस याचिका पर केंद्र, भारत चुनाव आयोग और 26 राजनीतिक दलों से जवाब मांगा, जिसमें विपक्षी दलों को अपने गठबंधन के लिये INDIA शब्द का इस्तेमाल करने से रोकने की मांग की गयी है। गौरतलब है कि साल 2024 के लोकसभा चुनावों में सत्तारूढ़ एनडीए से मुकाबला करने के लिये 17-18 जुलाई को बेंगलुरु, कर्नाटक में एक बैठक में 26 दलों वाले विपक्षी ब्लॉक का नाम INDIA (Indian National Developmental Inclusive Alliance) रखने का ऐलान किया गया था।
मुख्य न्यायाधीश सतीश चंद्र शर्मा और न्यायमूर्ति अमित महाजन (Chief Justice Satish Chandra Sharma and Justice Amit Mahajan) की अगुवाई वाले बेंच ने याचिका पर गृह मंत्रालय और सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय (Ministry of Information and Broadcasting), ईसीआई और 26 राजनीतिक दलों को नोटिस जारी करते हुए कहा कि मामले की सुनवाई की दरकार है। पीठ ने कहा कि, “इस पर सुनवाई होनी चाहिये। इसके लिए सुनवाई की जरूरत है। नोटिस जारी किया गया है।”
हालाँकि न्यायिक पीठ इस स्तर पर कोई अंतरिम राहत देने से इनकार कर दिया और कहा कि उत्तरदाताओं को सुने बिना कोई आदेश पारित नहीं किया जा सकता है। पीठ ने कहा कि, “हम इस तरह कोई आदेश पारित नहीं कर सकते। दूसरे पक्ष की प्रतिक्रिया आने दीजिये। हम पुख्ता तौर पर इस पर गौर जरूर करेंगे।”
मामले में याचिकाकर्ता गिरीश भारद्वाज (Petitioner Girish Bhardwaj) ने कहा कि- 26 राजनीतिक दलों में से 16 के प्रमुख नेता और सदस्यों के साल 2024 के आगामी आम चुनाव लड़ने के लिये गठबंधन बनाने के लिये 23 जून को बिहार के पटना (Patna of Bihar) में इकट्ठा हुए और उन्होनें फिर से मिलने का फैसला किया। बेंगलुरु (Bangalore) में रणनीति तैयार करने और गठबंधन के साथ-साथ उसका संयोजक का नाम चुनने के लिये आगे आये।
वकील वैभव सिंह के जरिये दायर की गयी याचिका में कहा गया है कि 17 जुलाई को ये राजनीतिक दल साल 2024 के आम चुनाव के लिये आगे की रणनीतियों को आकार देने के लिये बेंगलुरु में इकट्ठा हुए और गठबंधन का नाम INDIA रखने का ऐलान किया गया। इन पार्टियों ने कहा है कि वो 2024 का चुनाव भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के अगुवाई वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) के खिलाफ मिलकर चुनाव लड़ेंगे।
याचिका में राजनीतिक दलों की ओर से INDIA उपनाम के इस्तेमाल पर रोक लगाने और प्रतिवादी राजनीतिक गठबंधन की ओर से भारत उपनाम वाले राष्ट्रीय ध्वज के इस्तेमाल पर रोक लगाने के लिये अंतरिम आदेश देने की मांग की गयी है। याचिका में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) और कांग्रेस नेता राहुल गांधी (Rahul Gandhi) के बयानों का भी जिक्र किया गया।
याचिका में कहा गया कि- “… देश का नाम घसीटकर राहुल गांधी ने बहुत चालाकी से अपने गठबंधन का नाम हमारे देश के नाम के तौर पर पेश किया और ये दिखाने की कोशिश की कि एनडीए/भाजपा और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) हमारे ही देश यानि भारत के साथ चुनावी संघर्ष में हैं और राहुल गांधी के इस प्रयास ने आम लोगों के मन में भ्रम पैदा कर दिया कि साल 2024 का आगामी आम चुनाव राजनीतिक दलों के बीच होगें या फिर एनडीए गठबंधन और देश के बीच चुनावी लड़ाई होगी।”
याचिका में आगे कहा गया कि, “ये भ्रम पैदा करके प्रतिवादी राजनीतिक दल हमारे देश के नाम पर गलत तरीके से फायदा उठाने की कोशिश कर रहा है।”
बता दे कि इस मामले को लेकर याचिकाकर्ता ने चुनाव आयोग को लिखित शिकायत भी दी है, जिसके बाद उसने याचिका के साथ उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया।
मामले जिन पॉलिटिकल पार्टियों को प्रतिवादी के तौर पर लिस्टेड किया गया है, वे हैं भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस, अखिल भारतीय तृणमूल कांग्रेस, द्रविड़ मुनेत्र कड़गम, आम आदमी पार्टी, जनता दल (यूनाइटेड), राष्ट्रीय जनता दल, झारखंड मुक्ति मोर्चा, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरद पवार), शिव सेना (यूबीटी), समाजवादी पार्टी, राष्ट्रीय लोकदल, अपना दल (कमेरावादी)।
इसके अलावा अन्य राजनीतिक दलों में जम्मू और कश्मीर नेशनल कॉन्फ्रेंस, पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी), भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी, मरुमलारची द्रविड़ मुनेत्र कड़गम, कोंगनाडु मक्कल देसिया काची (KMDK), विदुथलाई चिरुथिगल काची, इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग, रिवोल्यूशनरी सोशलिस्ट पार्टी, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी-लेनिनवादी) लिबरेशन, ऑल इंडिया फॉरवर्ड ब्लॉक, केरल कांग्रेस (जोसेफ), केरल कांग्रेस (मणि) और मनिथानेया मक्कल काची (एमएमके) को भी ज़वाबदार के तौर पर लिस्टेड किया गया है।