नई दिल्ली (समरजीत अधिकारी): Delhi Liquor Scam: सीबीआई की हिरासत में भेजे गये दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को दिल्ली आबकारी नीति मामले में गिरफ्तारी के बाद आज (6 मार्च 2023) कोर्ट के सामने पेश किया जायेगा, उन्हें राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार (GNCTD) की आबकारी नीति बनाने और लागू करने में कथित अनियमितताओं से जुड़े मामले में जांच एजेंसी की ओर से गिरफ्तार किया गया था।
गिरफ्तारी के बाद उन्होंने 28 फरवरी को दिल्ली के उपमुख्यमंत्री के पद से इस्तीफा दे दिया। इस बीच 4 मार्च को राउज एवेन्यू कोर्ट (Rouse Avenue Court) ने दिल्ली शराब घोटाला मामले में सिसोदिया की केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) रिमांड की अवधि बढ़ा दी। विशेष न्यायाधीश एमके नागपाल (Special Judge MK Nagpal) ने मनीष सिसोदिया की सीबीआई को दो दिन की और रिमांड मंजूर दी।
कोर्ट ने 51 वर्षीय सिसोदिया की ओर से दायर जमानत याचिका पर सीबीआई को नोटिस भी जारी किया और मामले को 10 मार्च के लिये लिस्टेड किया। सिसोदिया की और रिमांड की मांग करते हुए सीबीआई के वकील ने कहा था कि, “वो अभी भी सहयोगी नहीं कर रहे है और हमें उनकी और रिमांड की जरूरत है।” रिमांड बढ़ाने की सीबीआई की अर्जी का विरोध करने वाले सिसोदिया की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता दयान कृष्ण (Senior Advocate Dayan Krishna) पेश हुए थे और कहा था कि “पहले दिन और आज के बीच क्या अंतर है? मेरे घर और मेरे कार्यालय पर भी छापे मारे गये … मुझे हिरासत में रखते हुए। सीबीआई की हिरासत से दस्तावेज तैयार होगा, क्या ये तार्किक है???”
सुनवाई के दौरान मनीष सिसोदिया ने खुद कोर्ट में कहा कि- “सीबीआई के अधिकारी मेरी देखभाल कर रहे हैं, मेरे साथ सम्मानपूर्वक व्यवहार कर रहे हैं और सब कुछ दे रहे हैं और किसी थर्ड डिग्री का इस्तेमाल नहीं कर रहे हैं। लेकिन वे मुझे रोजाना 9-10 घंटे बैठा रहे हैं और वही सवाल बार-बार पूछ रहे हैं… ये मानसिक प्रताड़ना से कम नहीं है।” इस पर कोर्ट ने सीबीआई को बार-बार सवाल नहीं पूछने का निर्देश दिया।
आम आदमी पार्टी (आप) के नेता ने ट्रायल कोर्ट में अपनी जमानत याचिका में कहा कि उन्हें हिरासत में रखने से कोई सार्थक उद्देश्य पूरा नहीं होगा क्योंकि सभी बरामदगी पहले ही की जा चुकी है।
सिसोदिया ने ये भी कहा कि केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) की ओर से बुलाये जाने पर वो जांच में शामिल हो गये हैं। इस मामले में गिरफ्तार अन्य आरोपियों को पहले ही जमानत मिल चुकी है। सिसोदिया ने आगे कहा कि वो दिल्ली के डिप्टी सीएम के महत्वपूर्ण संवैधानिक पद पर हैं और समाज में उनकी जड़ें गहरी हैं।
राउज एवेन्यू कोर्ट ने पहले सिसोदिया को सीबीआई रिमांड (CBI Remand) पर भेजते हुए निर्देश दिया था कि रिमांड अवधि के दौरान आरोपी से पूछताछ सीसीटीवी कवरेज वाली किसी जगह पर उच्चतम न्यायालय (Supreme Court) की ओर से निर्धारित दिशानिर्देशों का पालन करते हुए पूछताछ की जाये और उस फुटेज को सीबीआई सहेज कर रखें, जिसे कोर्ट की ओर से मांगने पर पेश किया जाये।
सिसोदिया को सीबीआई रिमांड पर भेजते समय ट्रायल कोर्ट ने पाया कि आरोपी पहले भी दो मौकों पर इस मामले की जांच में शामिल हुआ था, लेकिन ये भी देखा गया है कि वो पूछताछ के दौरान पूछे गये ज्यादातर सवालों के संतोषजनक जवाब देने में नाकाम रहे है। ये सच है कि उनसे खुद को दोषी ठहराने वाले बयान देने की उम्मीद नहीं की जा सकती है, लेकिन न्याय के हितों और निष्पक्ष जांच के लिये ये जरूरी है कि उन्हें उन सवालों के कुछ वाज़िब जवाब देने चाहिये जो जांच अधिकारी की ओर से उनसे पूछे जा रहे हैं। माना जा रहा है कि सीबीआई यहीं दलील एक बार फिर देगी।