नई दिल्ली (स्तुति महाजन): दिल्ली पुलिस आयुक्त राकेश अस्थाना (Delhi Police Commissioner Rakesh Asthana) ने बीते बुधवार (18 अगस्त 2021) दिल्ली के पूर्वोत्तर जिले में सामुदायिक पुलिसिंग कार्यक्रम (Community Policing Program) ‘उम्मीद’ का उद्घाटन किया। इस मौके पर बोलते हुए अस्थाना ने कहा कि- हालांकि पुलिस को सभी तरह की कानून व्यवस्था के मुद्दों से निपटने के लिए प्रशिक्षित किया जाता है, फिर भी वे समाज के समर्थन के बिना कारगर नतीज़े हासिल नहीं कर सकते हैं। आपराधिक गतिविधियों, अपराधियों की गिरफ्तारी या कानून व्यवस्था के मुद्दों के मैनेजमेंट के बारे में जानकारी अहम कड़ी है ऐसे में सार्वजनिक सहयोग बेहद जरूरी है।
उन्होंने कहा आगे कहा कि हम परिवार में या व्यक्तियों के बीच होने वाले झगड़ों को संभालते हैं। लेकिन समाज के बीच होने वाले झगड़े हमारे देश के लिए अच्छे नहीं हैं।
कार्यक्रम ‘उम्मीद: एक बेहतर कल की ओर एक कदम- टीम पूर्वोत्तर के साथ एक दिन’ कार्यक्रम का आयोजन पूर्वोत्तर जिला पुलिस (Northeast District Police) द्वारा दिल्ली के श्याम लाल कॉलेज में सांप्रदायिक सद्भाव और शांति के विषय पर आधारित था, शांति और सद्भाव के लिए पूर्वोत्तर जिला पुलिस की पहल और ‘नागरिक भाईचारा समिति’ (NBS) की उपलब्धियों पर प्रकाश डाला गया था।
दिल्ली पुलिस प्रमुख का पदभार संभालने के बाद अपने पहले सार्वजनिक कार्यक्रम में अस्थाना ने पिछले साल फरवरी में दिल्ली के पूर्वोत्तर जिले में हुई हिंसा पर दुख व्यक्त किया। इस मुद्दे पर उन्होंने कहा, "जब हिंसा हुई तब मैं दिल्ली पुलिस में नहीं था लेकिन एक पुलिस अधिकारी होने के नाते, मैं बेहद दुखी था। मैं दुखी था क्योंकि दिल्ली में इस तरह की समस्या पैदा हुई, फिलहाल लोग दंगों को लगभग भूल गये हैं।
गौरतलब है कि पिछले साल फरवरी महीने में नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) का समर्थन और विरोध करने वाले गुटों के बीच दिल्ली के पूर्वोत्तर जिले में हिंसा भड़क गयी थी। उस दौरान हिंसा के कारण कम से कम 53 लोगों की जान चली गयी थी जबकि सैकड़ों अन्य घायल हो गये थे।
अस्थाना ने आगे कहा कि चूंकि हर नुक्कड़ पर पुलिस कर्मियों को तैनात करना मुमकिन नहीं है, शांति और सद्भाव बनाये रखने के लिये और पुलिस की मदद करने के लिए आत्म-अनुशासित और सेवा-उन्मुख समाज की जरूरत है।
इस मुद्दे पर उन्होनें कहा कि, अपराध का कोई धर्म नहीं होता और कुछ ही असामाजिक तत्व सामाजिक वातावरण (Social Environment) को खराब करते हैं। ऐसे बेईमान तत्वों की पहचान करने और कानून के अनुसार उनसे निपटने की जरूरत है।
सह-अस्तित्व की भावना से शांतिपूर्वक रहने के लिये समुदायों के बीच एकजुटता और आपसी विश्वास के धागे को मजबूत करने की पहल के तौर पर 'उम्मीद' की सराहना करते हुए, अस्थाना ने कहा कि भारत जैसे देश में हिंसा के लिये कोई जगह नहीं है। जो कि विविधता में एकता लिये जाना जाता है। उन्होंने ऐसी सामुदायिक पहलों को स्थापित करने और राष्ट्र की एकता-अखंडता को मजबूत करने वाले सामाजिक कार्यक्रमों के आयोजन में दिल्ली पुलिस की ओर से पूर्ण सहयोग का आश्वासन भी दिया।
इस मौके पर अस्थाना ने एनबीएस पुस्तिका का भी अनावरण किया और समिति द्वारा किये गये कार्यों को उजागर करने वाली वीडियो क्लिप जनता के सामने पेश की। कार्यक्रम के बाद उन्होंने एक सोशल मीडिया अभियान शुरू किया जिसमें विभिन्न हस्तियों के संदेश शामिल थे, जिसमें लोगों से शांति और सद्भाव बनाए रखने की अपील की गयी थी।
पूर्वोत्तर जिले के पुलिस परिवारों के बच्चों जिन्होंने हाल की बोर्ड परीक्षाओं में अच्छा प्रदर्शन किया है, उन्हें हेड कांस्टेबल रतन लाल की स्मृति में 'रतन लाल मेडल ऑफ होप' से सम्मानित किया गया। बता दे कि पिछले साल हिंसा के दौरान कर्तव्यों का पालन करते हुए कांस्टेबल रतन लाल (Constable Ratan Lal) जान गंवा दी थी, जिनकी याद में ये पुरस्कार दिये गये।