नई दिल्ली (शाश्वत अहीर) दिल्ली विश्वविद्यालय (DU-Delhi University) के नजदीक मौरिस नगर थाने (Maurice Nagar Police Station) के तहत क्रिश्चन कॉलोनी (Christian Colony) में रहने वाले छात्रों ने थाने के खिलाफ़ प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारी छात्रों का कहना है की मौरिस नगर थाना की पुलिस बेवजह छात्रों को परेशान करती रही है और अब छात्र अभिषेक कुमार और अमित कुमार पर फर्जी मुकदमा कर के परेशान कर रही हैं ।
प्रदर्शन कर रहे छात्रों का आरोप है कि बीते (12-13 अक्टूबर 2022) दो दिनों से छात्र मानसिक दबाव में हैं साथ ही छात्र अमित का नामांकन दिल्ली के जामिया मिल्लिया इस्लामिया (JMI- Jamia Millia Islamia) में होना था और जिस दिन डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन का दिन था, उस दिन मकान मालिक की मिलीभगत से पुलिस ने बिना वजह फर्जी केसकर उसे थाने में बैठाये रखा, जिससे छात्र अपना नामांकन नहीं करा सके। छात्र को उनके मौलिक अधिकार से वंचित कर दिया गया। साथ ही छात्र बीमार था और पुलिस ने उसको मारा भी ,जिससे छात्र सदमे में हैं।
दिल्ली विश्वविद्यालय में पढ़ रहे छात्र नेता लोकेश चौधरी भी इन छात्रों के समर्थन में हैं, वो खुद भी प्रदर्शन में शामिल हुए। मामले पर एडवोकेट आशु बिधूड़ी (Advocate Ashu Bidhuri) का कहना है की दिल्ली पुलिस (Delhi Police) अपने आप को कोर्ट मान चुकी है और खुद से ये फैसले कर लेती है कि अपराधी कौन है और क्या सजा देनी हैं , मैरिस नगर थाना ने छात्र अमित और अभिषेक को पीटा साथ ही उनके बताने पर भी की उनका आज एडमिशन है। ये सिर्फ छात्र के अधिकार से वंचित कर देना ही नहीं बल्कि मानवता को भी शर्मसार कर देना हैं।
मौके पर छात्र दिव्यांशु सिंह यादव, कमल तिवारी, अमरेंद्र, उदित और तमाम छात्र शामिल हुए, वही छात्र आफताब आलम (बुद्धिस्ट डिपार्टमेंट, DU) का कहना है कि एक तो दिल्ली विश्वविद्यालय में सभी छात्रों के लिये हॉस्टल पर्याप्त नहीं है, ऐसे में छात्र विश्वविद्यालय के करीब रूम किराये पर ले कर रहते हैं पर मकान मालिक मनमानी तरीके से रेंट बढ़ा देते हैं और जब छात्र इसका विरोध करते हैं तो पुलिस से मिल कर परेशान किया जाता हैं और फर्जी मुकदमे दायर किये जाते हैं।
मामले पर छात्र रजनीश तिवारी (M.A., DU) का कहना है कि छात्र अमित और अभिषेक के साथ ऐसा ही हुआ है, पहले उनके रूम की बिजली कटी गई जब छात्रों ने कोर्ट में मुकदमा दायर किया तो गुंडे भेज कर उनके साथ मारपीट की गयी और पुलिस ने उस मसले को दबा दिया। उसके बाद फर्जी मारपीट का आरोप लगा कर उनपर केस किया गया और उस केस में बेल मिलने के बाद जब ये कामयाब नहीं हुए तो महिला के द्वारा झूठे मुकदमा की शिकायत पुलिस ने लिखी और दबाव बना रही कि तुमने जो सिविल केस किया है उसको वापस ले लो और रूम खाली करो वरना तुमको धारा 354 में अंदर कर देंगे। बाकी छात्रों का कहना है कि पुलिस अगर ऐसा करेगी तो हमने इससे पहले भी मौरिस नगर के पुलिस की शिकायत इनके सीनियर अधिकारियों से की थी लेकिन वो भी मौन हैं अगर ऐसा ही रहा तो दिल्ली विश्वविद्यालय के छात्र दिल्ली पुलिस के खिलाफ आंदोलन चलायेगें।
बता दे कि मामले में पीड़ित छात्रों ने एसएचओ मौरिस नगर को बीते गुरूवार (13 अक्टूबर 2022) लिखित तहरीर दे दी है। जिसमें मामले की विस्तृत जानकारी देते हुए वाज़िब कार्रवाई करने की दरख्वास्त की गयी है। स्टूडेंट कोर्डिनेट कमेटी मामले पर करीब से निगाहें बनाये हुए है। फिलहाल मामले में दिल्ली विश्वविद्यालय प्रशासन की ओर से किसी तरह की कोई प्रतिक्रिया सामने नहीं आयी है। प्रदर्शन कर रहे छात्र चाहते है कि मामले में दिल्ली विश्वविद्यालय प्रशासन (Delhi University Administration) सीधा दखल दे और दिल्ली पुलिस पर कार्रवाई के लिये जरूरी दबाव डाले।
गौरतलब है कि पहले भी इसी तरह के कई मामले क्रिश्चियन कॉलोनी से सामने आये है, जहां दिल्ली पुलिस और मकान मालिकों की मिलीभगत से छात्रों को इसी तरह परेशान किया गया है। नाम ना बताने की शर्त पर मौरिस नगर थाने से जुड़े एक पुलिस कर्मी ने बताया कि थाने के कई पुलिस कर्मियों को क्रिश्चियन कॉलोनी के मकान मालिकों से महीना मिलता है, ताकि मकान मालिक मनमाने ढंग से छात्रों से किराया वसूल सके और उन्हें खुलेआम प्रताड़ित कर सके। छात्रों का आरोप है कि मौरिस नगर पुलिस अक्सर छात्रों के मुद्दों आंखें मूंदे रहती है।