नई दिल्ली (श्री हर्षिणी सिंधू): Delhi Riots Case: सुप्रीम कोर्ट ने आज (14 नवंबर 2022) दिल्ली उच्च न्यायालय के आदेश को चुनौती देने वाली एक याचिका को खारिज कर दिया, जिसने 2020 के पूर्वोत्तर दिल्ली दंगों के मामले में आप के पूर्व पार्षद ताहिर हुसैन (Tahir Hussain) के खिलाफ आपराधिक कार्यवाही पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था। न्यायमूर्ति अजय रस्तोगी और न्यायमूर्ति सीटी रविकुमार (Justice Ajay Rastogi and Justice CT Ravikumar) की पीठ ने कहा कि, “इस स्तर पर दखल देने का कोई कारण नहीं है जब मामला उच्च न्यायालय के समक्ष विचाराधीन है।”
उच्च न्यायालय ने 16 सितंबर को पूर्वोत्तर दिल्ली में 2020 के दंगों में शामिल होने से जुड़ी ताहिर हुसैन के खिलाफ के खिलाफ दर्ज तीन एफआईआर (FIR) में हुसैन के खिलाफ आपराधिक कार्यवाही पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था। अगले हफ़्ते दायर इसी तरह की याचिकाओं में उच्च न्यायालय ने एक नोटिस जारी किया, जिसमें कथित दंगाईयों के वकील को अपना जवाब दाखिल करने का वक्त दिया और 25 जनवरी 2023 को दूसरी याचिकाओं के साथ मामले को लिस्टेड करने का भी निर्देश दिया।
आज याचिकाकर्ता की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता मेनका गुरुस्वामी (Advocate Menaka Guruswamy) ने पूछा कि क्या उच्च न्यायालय इस मामले पर ज्यादा तेजी से फैसला कर सकता है, पीठ ने जवाब में कहा “नहीं”।
एक अलग मामले में दिल्ली की एक अदालत ने इस महीने की शुरूआत में धन शोधन निवारण अधिनियम 2002 की धारा 3 के तहत ताहिर हुसैन के खिलाफ आरोप तय किये, जो कि धन शोधन निवारण अधिनियम 2002 की धारा 4 के तहत दंडनीय है। अदालत ने पाया कि हुसैन का मनी लॉन्ड्रिंग कनेक्शन उत्तरपूर्वी दिल्ली दंगों से सीधे जुड़ा हुआ है।