न्यूज डेस्क (शौर्य यादव): दिल्ली सरकार (Delhi Government) राष्ट्रीय राजधानी में 1,397 अत्याधुनिक बस क्यू शेल्टर (Bus Queue Shelter) बनायेगी। जो कि सीसीटीवी कैमरों, पैनिक बटन और कई अन्य सुरक्षा सुविधाओं के अलावा डिजिटल डिस्प्ले के जरिये बसों की रियल टाइम जानकारी मुहैया करवायेगा।
नये बस क्यू शेल्टर में यात्री दिल्ली मेट्रो स्टेशनों की तर्ज पर डिजिटल डिस्प्ले बोर्ड पर अगली बस के गंतव्य और आने का वक़्त जान सकेंगे। नये बस शेल्टर और उसके आसपास के इलाके को एलईडी लाइटिंग से कवर किया जायेगा और सुरक्षा उपायों में सीसीटीवी कैमरे और पैनिक बटन शामिल होंगे, जिनकी निगरानी दिल्ली सरकार के परिवहन विभाग (Delhi Transport Department) के कमांड एंड कंट्रोल सेंटर से की जायेगी।
आईटीओ (ITO) में पहले दो प्रोटोटाइप बस क्यू शेल्टर लगाये जायेगें, जिनमें से एक स्टेनलेस स्टील से और दूसरा फाइबरग्लास से बना है। दोनों शेल्टर के इस महीने के आखिर तक चालू होने की उम्मीद है और रिव्यू के बाद दिल्ली (Delhi) के हालातों के लिये बेहतर अनुकूल डिजाइन को दूसरी जगहों पर भी लगाया जायेगा।
सरकार ये भी चाहती है कि ये प्रस्तावित शेल्टर विकलांग व्यक्तियों और बुजुर्ग यात्रियों के लिये पूरी तरह से बाधा मुक्त वातावरण प्रदान करें। इन बस क्यू शेल्टर में रैंप, स्पर्श पथ, हैंड्रिल इत्यादि होंगे, ताकि कम गतिशीलता वाले लोगों की आसान पहुँच बन सके। ये बस शेल्टर न सिर्फ दोपहर की धूप और बारिश से सुरक्षा प्रदान करेंगे बल्कि बैठने की पर्याप्त व्यवस्था या आराम करने के लिये भी होंगे।
नए बस शेल्टरों में कम से कम 75% बैठने की जगह बुजुर्गों, महिलाओं और विकलांग व्यक्तियों के लिये निर्धारित होने की उम्मीद है। नए बस शेल्टर में फुटपाथ और साइकिल ट्रैक को शामिल करके पैदल चलने वालों और साइकिल सवारों को भी एड्जस्ट किया जा सकता है। बस शेल्टर डिजाइन में कूड़ेदान और रेहड़ी-पटरी वाले को भी शामिल किया जा हैं।
टूटे-फूटे, बेकार और खस्ता हालात वाले बस क्यू शेल्टर अब दिल्ली में जल्द ही बीते वक्त की बात हो जायेगें। दिल्ली सरकार ने कुछ साल पहले मॉर्डन डिजाइन के साथ आकर्षक बस क्यू शेल्टर लाने का फैसला किया था। मौजूदा पुराने बस शेल्टरों को बदलने के अलावा, इनमें से कई नये बस शेल्टर ऐसी जगहों बनाये जायेगें, जहां मौजूदा हालातों में बस शेल्टर नहीं है।
दिल्ली सरकार ने सार्वजनिक-निजी भागीदारी के जरिये नये बस क्यू शेल्टर के निर्माण के लिये टेंडर जारी किया थें, जो कि टिकाऊ और बनाये रखने में आसान होने के अलावा, अनुभव और उपस्थिति से समझौता किये बिना लागत प्रभावी होंगी। दिल्ली सरकार ऐसे बस शेल्टर चाहती है, जो हर मौसम में बने रहने वाले ढांचे हों।