असली दहशतगर्द तो ये हैं, और साथ ही ये इस मुल्क पर काला स्याह धब्बा भी है। इन सियासी जोकों को शर्म तक नहीं आती, जो इन गुंडों बड़ी ही बेहयाई से बचाने में लगे हुए है। दिल्ली हाईकोर्ट को उस जज के खिलाफ इन गुंड़ों ने बेहद ही सख्त रूख़ अपनाया है। जिन्होनें दिल्ली पुलिस को इन गुंड़ों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के फरमान जारी किये थे। फरमान जारी करने के कुछ ही देर के अन्दर उनका तबादला कर दिया गया। ये लोग रोज देश के संवैधानिक ढांचे और लोकतन्त्रिक अस्मिता के साथ बलात्कार कर रहे है, और साथ ही तोड़-फोड़ का नंगा नाच भी। जिस तरह से मुल्क हिन्दू-मुस्लिम के नाम पर बिखर रहा है, उसे देखकर बेहद दुख होता है। इस नंगे नाच के पीछे हिन्दू धर्म के फर्जी रहबर है। ये लोग नौकरशाही,न्यायपालिका और मीडिया को निशाना बना रहे है। देश को तोड़कर ये लोग पतन की ओर ले जा रहे है। ये शर्मनाक और घृणा से भरा हुआ है। ये गुंडे सीधे तौर पर कुर्सी के लालच में डूबे हुए है और मुल्क कहीं भी इन लोगों की प्राथमिकता की सूची में नहीं है। जिम्मेदार नागरिक बनें और देश के लिए सदैव जागृत रहे। इससे पहले की ये जोकें आप के घरों में घुस जाये। याद रखे देश सबसे पहले और अहम है। इसके इसके संवैधानिक और लोकतांत्रिक ढ़ाचें की रक्षा करना हमारा प्रमुख कर्तव्य है। नहीं तो अपने ही देश में को शरणार्थी बनने के लिए तैयार रहे। चाहे आप किसी भी मज़हब के हो हिंदू, मुस्लिम या कोई भी।
लोकतान्त्रिक अस्मिता का होता बलात्कार
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