
नई दिल्ली (शौर्य यादव): चीन (China) की अवसरवादी विदेश नीति विस्तारवादी रवैये और आक्रमक बाजार नीतियां पूरे विश्व के लिए सिरदर्द बनी हुई है। वायरस के तेजी से बढ़ रहे मामलों के बीच अमेरिकी राष्ट्रपति Donald Trump ने चीन को खुली धमकी देते हुए कहा कि अगर चीन की भूमिका Covid-19 के संक्रमण के पीछे पाई जाती है तो चीन को गंभीर नतीजे भुगतने होंगे। व्हाइट हाउस (White House) में नियमित प्रेस ब्रीफिंग के दौरान राष्ट्रपति ट्रंप ने कहा कि- “पूरे विश्व में फैल रही इस महामारी (pandemic) को चीन अपने स्तर पर रोक सकता था, वायरस पर लगाम ना कसकर चीन ने पूरे विश्व को खतरे में झोंक दिया। अगर उसने गलती की है तो कोई बात नहीं। लेकिन अगर उसने इरादतन तौर पर जानबूझकर इसे अंजाम दिया है तो, मैं आपको विश्वास दिलाता हूं उसे गंभीर नतीजे भुगतने होंगे”
हालांकि राष्ट्रपति ट्रंप ने उन नतीजों का खुलकर जिक्र नहीं किया। आगे उन्होंने कहा- “चीनी इस मसले पर काफी शर्मिंदगी महसूस कर रहे हैं। लेकिन एक बड़ा सवाल हमारे सामने खड़ा है। क्या यह गलती थी जो नियंत्रण से बाहर हो गई या फिर सोची समझी साजिश। दोनों ही हालातों के बीच भारी अंतर है”
प्रेस ब्रीफिंग के दौरान राष्ट्रपति ट्रंप को रोकते हुए, कोरोनावायरस रिस्पांस कोऑर्डिनेटर डेवोबरा ब्रिक्स ने कहा- अविश्वसनीय तौर पर चीन और ईरान में होने वाली मौतों के आंकड़े 100,000 है। क्या कोई इन आंकड़ों पर विश्वास करेगा? साथ ही डेवोबरा ब्रिक्स ने मामले को लेकर ट्रंप सरकार के पॉलिटिकल एजेंडे को साफ कर दिया। उन्होंने चीन द्वारा जारी आंकड़ों को बेबुनियादी बताया, साथ ही चीन से नैतिक आधारों पर सही जानकारी उपलब्ध करवाने की बात कही। इसके साथ ही ब्रिक्स ने यूरोपीय देशों को शुक्रिया अदा किया कि, उन्होंने वक्त रहते अमेरिका को वायरस खतरे के प्रति सचेत किया।
गौरतलब है कि अगर जांच में चीन इरादतन तौर पर संक्रमण फैलाने का दोषी पाया जाता है तो, उंगलियां अमेरिका पर उठनी तय है। क्योंकि कथित रूप से वुहान की जिस लैब से वायरस के बेलगाम होने की खबरें सामने आई। उस लैब को वायरस पर रिसर्च करने के लिए अमेरिका फंडिंग देता आया है। मामले को लेकर जिस तरह की टकराहट दोनों महाशक्तियों के बीच बनी हुई है। वो तीसरे विश्व युद्ध (third world war) का सबब़ बन सकती है।