नई दिल्ली (स्तुति महाजन): दिल्ली सिख गुरुद्वारा मैनेजमेंट कमेटी चुनावों (DSGMC Elections) की सरगर्मियां राजधानी की दहलीज़ पर दस्तक दे रही है। गुरुद्वारा चुनाव आयोग निदेशालय (दिल्ली सरकार) इन चुनावों को आगामी 22 अगस्त को आयोजित करवायेगा, जिसके नतीज़ों का ऐलान 31 अगस्त तक कर दिया जायेगा। इन चुनावी कवायदों के बीच सफदरजंग एंक्लेव वॉर्ड नंबर 36 से शिरोमणि अकाली दल (दिल्ली) उम्मीदवार डॉक्टर सरबजीत मिन्हास (Dr. Sarabjit Minhas) काफी मजबूत दावेदार बनकर उभरते हुए नज़र आ रहे है।
डॉक्टर मिन्हास के पास 40 सालों से ज़्यादा का अनुभव शिक्षा और समाजसेवा के क्षेत्र में रहा है। कई बड़े पदों को संभालते हुए उन्होनें बतौर एजुकेटर, रिफॉर्मर, एडिमिनिस्ट्रेटर, मोटिवेटर और सोशल एक्टिविस्ट (Educator, Reformer, Administrator, Motivator and Social Activist) का काम किया किया। गुरू हर किशन पब्लिक स्कूल वंसत विहार में प्रिसिंपल का ओहदा संभालते हुए उन्होनें कई नौज़वान पीढ़ियों को मॉर्डन एजुकेशन से सींचा। उनके पढ़ाये कई स्टूडेंट आज इंडियन एडिमिनिस्ट्रेशन सर्विसेज (Indian Administration Services) समेत कई अहम पदों पर देश को अपनी सेवायें मुहैया करवा रहे है।
डॉक्टर मिन्हास ने अपनी सोशल और प्रोफेशनल लाइफ में कई अहम काम किये। गुरूद्वारा चुनावों में वो अब तक के एकमात्र प्रत्याशी है, जिनके पास डी-लिट् की डिग्री (D-lit degree) है। इसके साथ ही उन्होनें सीबीएसई की स्थायी समिति, पंजाबी अकादमी, दिल्ली सिख अल्पसंख्यक आयोग और लायंस क्लब को अपने तर्जुबे का सीधा फायदा पहुँचाया। इन सभी संस्थाओं को डॉक्टर मिन्हास के निर्देशन का सीधा फायदा मिला है।
इसके साथ ही शिक्षा और समाज सुधार में डॉक्टर मिन्हास के शानदार कामों को देखते हुए उन्हें कई पुरस्कारों से नवाज़ा भी गया है। सीबीएसई राष्ट्रीय पुरस्कार 2010, दिल्ली राज्य पुरस्कार 2010, एमिटी एक्सीलेंस इन एजुकेशन अवार्ड 2011, अमेजिंग प्रिंसिपल अवार्ड 2009, पर्यावरण योग और सामाजिक सुरक्षा के लिए डॉ राधाकृष्णन मिलेनियम राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार, राष्ट्रीय समानता द्वारा सिख रत्न पुरस्कार, पंजाबी कला सेवा सम्मान पंजाबी अकादमी दिल्ली, डॉ. एपीजे कलाम राष्ट्रीय पुरस्कार (Dr. APJ Kalam National Award), बाल्कन जी बारी इंटरनेशनल एनजीओ द्वारा शिक्षा के क्षेत्र में लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड और नेपाल सरकार द्वारा अंतर्राष्ट्रीय पुरस्कार जैसे कई बड़े नामी गिरामी पुरस्कारों से उन्हें नवाज़ा गया है।
शिक्षक दिवस के मौके पर 5 सितंबर 2018 को डॉक्टर मिन्हास को अंतर्राष्ट्रीय समरसता मंच द्वारा आयोजित कार्यक्रम में तत्कालीन उपराष्ट्रपति, न्यायमूर्ति डॉ.परमानंद झा, जापान में नेपाल दूतावास के पूर्व राजदूत बिष्णु हरि, नेपाल-कतर के पूर्व राजदूत डॉ. श्यामानंद सुमन की मौजूदगी में सम्मानित किया गया।
इसके साथ ही वो दिल्ली के एकमात्र सिख शिक्षक है, जिन्होनें कई अन्तर्राष्ट्रीय मंचों पर शिक्षा के क्षेत्र में भारत की अगुवाई की। संयुक्त राज्य अमेरिका, जापान, हांगकांग, ऑस्ट्रेलिया, तस्मानिया, यूनाइटेड किंगडम, मलेशिया, सिंगापुर, श्रीलंका, कुवैत, फ्रांस, जर्मनी, स्पेन, दुबई, भूटान, नेपाल और कनाडा में बतौर शिक्षक डेलीगेट (Teacher Delegate) उन्होनें हिन्दुस्तान की अगुवाई की। इनके अनुभव और शैक्षिक समझ का फायदा कई विकसित देशों ने भी उठाया। उनकी इन्हीं सभी पृष्ठभूमि को देखते हुए उन्हें गुरूद्वारा चुनावों का बेहद मजबूत उम्मीदवार (Strong Candidate) माना जा रहा है।
सफदरजंग एंक्लेव वॉर्ड नंबर 36 के कई लोग तो उन्हें दूसरा मनमोहन सिंह तक मानते है। कई लोग ये भी दावा कर रहे है कि अगर वो जीतकर आते है तो दिल्ली सिख गुरुद्वारा मैनेजमेंट कमेटी को एक बेहतर प्रशासक (Better Administrator) मिलना तय है। उनके तर्जुबे, ज्ञान, समझ और अन्तर्राष्ट्रीय जगत का अनुभव सीधे गुरूद्वारा मैनेजमेंट कमेटी को मिलेगा। जिससे कमेटी के कार्यप्रणाली में बड़ा सुधार (Significant Improvement) होगा।