DSGMC Elections 2021: मनजिंदर सिरसा ने सफदरजंग एंक्लेव वॉर्ड नंबर 36 में उतारा दाग़ी उम्मीदवार, कुलदीप सिंह साहनी पर ठगी का गंभीर मामला

न्यूज डेस्क (दिल्ली): आगामी 22 अगस्त को होने वाले दिल्ली सिख गुरूद्वारा मैनेजमेंट कमेटी चुनावों (DSGMC Elections) से पहले शिरोमणि अकाली दल बादल साख़ और विश्वसनीयता की भारी कमी से जूझता दिखायी दे रहा है। मौजूदा वक़्त में दिल्ली के सभी वॉर्डों से सिख संगत शिरोमणि अकाली दल बादल के पंथक उम्मीदवारों को शक की नज़रों से देखा जा रहा है। जिसके लिये प्रधान मनजिंदर सिंह सिरसा (Manjinder Singh Sirsa) को सीधे तौर पर जिम्मेदार माना जा रहा है। जो कि खुद धोखाधड़ी और जालसाज़ी के आरोपों में लुक आउट नोटिस बचने के लिये छिपते फिर रहे है।

इसी क्रम में मनजिंदर सिंह सिरसा की अगुवाई वाली शिरोमणि अकाली दल बादल के नेता और सफदरजंग एंक्लेव वॉर्ड नंबर 36 से पंथक उम्मीदवार कुलदीप सिंह साहनी (Kuldeep Singh Sahni) और उनके बेटे सिमरत सिंह साहनी (Simrat Singh Sahni) को भी जालसाज़ी, फर्जीवाड़ा और धोखाधड़ी के दीवानी मामलें में नामजद पाया गया है। दोनों के खिलाफ दिल्ली पुलिस ने आईपीसी की धारा 34, 406 और 420 के तहत एफआईआर दर्ज की है। इस एफआईआर में कुलदीप सिंह साहनी को भी आरोपी पाया गया है। दर्ज की गयी एफआईआर कल्पना मेंहदीरत्ता की तहरीर पर दर्ज की गयी है।

DSGMC Elections Kuldeep Singh Sahni and his family accused of cheating
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कल्पना मेंहदीरत्ता ने अपनी शिकायत में दावा किया कि श्री गुरू रामदास मेडिकल कॉलेज में उनके बेटे को माइनॉरिटी कोटे से एमबीबीएस की सीट दिलाने के नाम पर कुलदीप सिंह साहनी, सिमरत सिंह साहनी और गुरूलीन कौर (Gurleen Kaur) ने 6,38,000 रूपये का फर्जीवाड़ा किया। कल्पना मेंहदीरत्ता ने ट्यूशन फीस और दूसरे खर्चों के नाम पर गुरूलीन कौर के खातों में पैसे ट्रांसफर कर दिये। जब कल्पना मेंहदीरत्ता के बेटे का नाम एडमिशन लिस्ट में नहीं आया तो इस फर्जीवाड़े का खुलासा हुआ। जिसके बाद उन्होनें बीती 10 जनवरी साउथ वेस्ट डिस्ट्रिक थाना आरके पुरम (South West District Police Station RK Puram) में लिखित तहरीर दी। पुलिस ने शुरूआती जांच में शिकायत का सही पाया और मामला दर्ज कर छानबीन शुरू कर दी।

मौजूदा तस्वीर को देखते हुए साफतौर पर ज़ाहिर है कि आगामी चुनावों के मद्देनज़र दिल्ली की सिख संगतों के बीच शिरोमणि अकाली दल बादल (Shiromani Akali Dal Badal) विश्वास, पारदर्शिता और साख़ की भरी कमी से जूझ रहा है। भष्ट्र प्रधान और दाग़ी उम्मीदवार के कारण दिल्ली के सभी सिख संगतों में नाराज़गी है। जिसका सीधा असर दिल्ली सिख गुरूद्वारा मैनेजमेंट कमेटी के चुनावों में देखने को मिलेगा।

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