न्यूज डेस्क (गौरांग यदुवंशी): नेपाल (Nepal) में रविवार (15 जनवरी 2023) सुबह 72 लोगों को लेकर जा रहा एक विमान दुर्घटनाग्रस्त हो गया। बचावकर्मियों ने नेपाल के पोखरा (Pokhara) में दुर्घटनास्थल विमान से 70 शव निकाले। येती एयरलाइंस (Yeti Airlines) के दुर्घटनाग्रस्त विमान का ब्लैक बॉक्स सोमवार (16 जनवरी 2023) को बरामद कर लिया गया। विमान ने नेपाल की राजधानी काठमांडू (Kathmandu) से उड़ान भरी थी और इसे पोखरा हवाईअड्डे पर उतरना था। लैंडिंग से कुछ ही मिनट पहले ये दुर्घटनाग्रस्त हो गया।
नेपाल में आखिरी बड़ी हवाई दुर्घटना 29 मई को हुई थी, जब नेपाल के पर्वतीय मस्तंग जिले (Mustang District) में तारा एयर के विमान के दुर्घटनाग्रस्त होने से उसमें सवार सभी 22 लोगों की मौत हो गयी थी। लेकिन सवाल ये है कि आखिर नेपाल में विमान हादसों का लंबा इतिहास क्यों रहा है?
नेपाल में लगातार हो रहे इन विमान हादसों के पीछे कई कारण हैं। नेपाल की भौगोलिक परिस्थितियां इसके लिये खासतौर से जिम्मेदार हैं।
इन अहम वजहों से नेपाल में होते रहते है कई बड़े हवाई हादसे
- यहां के ज्यादातर एयरपोर्ट पहाड़ों के बीच बेहद संकरी घाटियों में बने हैं और ऐसे रनवे पर विमान को उतारना काफी चुनौतीपूर्ण काम होता है।
- विमान के दुर्घटनाग्रस्त होने के पीछे अचानक से मौसम में आये बदलाव भी एक कारण है क्योंकि पायलट के लिये ऐसे हालातों में फ्लाइट को नेविगेट करना खासा मुश्किल हो जाता है।
- नेपाल में एविएशन के लिये इस्तेमाल होने वाले रडार या इसी तरह के अन्य उपकरण काफी पुराने हैं और इस वजह से पायलटों को सही जानकारी नहीं मिल पाती है।
- नेपाल की एविएशन इंडस्ट्री (Aviation Industry of Nepal) में ट्रेंड स्टाफ की कमी और कर्मचारियों की कमी भी एक बड़ी समस्या है, जिससे कर्मचारियों पर काम का बोझ ज्यादा है।
- नेपाल की एविएशन इंडस्ट्री काफी पुराने ढर्रे पर चल रही है। नेपाल का नागरिक उड्डयन प्राधिकरण खुद उड़ान का संचालन करता है यानि नियामक और सेवा प्रदाता दोनों एक ही हैं। ऐसे में हितों का टकराव होता है।
इसीलिये संयुक्त राष्ट्र के अंतर्राष्ट्रीय नागरिक उड्डयन संगठन (International Civil Aviation Organization) ने भी नेपाल सरकार से इसमें सुधार की सिफारिश की थी। हालांकि 13 साल बाद भी नेपाल इस ढांचे को नहीं बदल पाया है। और यही नेपाल में हो रहे इन दुर्भाग्यपूर्ण हादसों की अहम वजह भी है।